Pitru Paksha 2022: कुत्ता जल तत्त्व का प्रतीक है ,चींटी अग्नि तत्व का, कौवा वायु तत्व का, गाय पृथ्वी तत्व का और देवता आकाश तत्व का प्रतीक हैं. इस प्रकार इन पांचों को आहार देकर हम पंच तत्वों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. केवल गाय में ही एक साथ पांच तत्व पाए जाते हैं. इसलिए पितृ पक्ष में गाय की सेवा विशेष फलदाई होती है. मात्र गाय को चारा खिलने और सेवा करने से पितरों को तृप्ति मिलती है साथ ही श्राद्ध कर्म सम्पूर्ण होता है.
पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) के दौरान जीवों को भोजन कराने का खास महत्व होता है. साथ ही इस दौरान जीव-जन्तुओं को भोजन जरूर कराया जाता है. इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022 Dates) 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर, 2022 तक चलने वाले हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों की आत्म को तृप्ति तभी मिलती है, जब उन्हें अर्पित किए जाने वाले भोजन के पांच अंश निकाले जाते हैं. ये पांच अंश गाय, कुत्ता, चींटी, कौवा और देवताओं के नाम पर अलग किए जाते हैं.
पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) में श्राद्ध कर्म में भोजन से पहले पांच जगहों पर भोजन के अंश निकाले जाते हैं. भोजन का ये अंश गाय, कुत्ता, चींटी और देवताओं के लिए पत्ते पर निकाला जाता है. वहीं कौवे के लिए भोजन का अंश जमीन पर रखा जाता है. इसके बाद पितरों से प्रार्थना की जाती है कि वे इन जीवों के माध्यम से अपना भोजन ग्रहण करें.
पितृ पक्ष में गाय की सेवा से पितरों को मुक्ति मोक्ष मिलता है. साथ ही अगर गाय को चारा खिलाया जाय तो वह ब्राह्मण भोज के बराबर होता है. पितृ पक्ष में अगर पञ्च गव्य का प्रयोग किया जाय, तो पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है. साथ ही गौदान करने से हर तरह के ऋण और कर्म से मुक्ति मिल सकती है.