Angarki Chaturthi 2022: आज अंगारकी चतुर्थी मनाई जा रही है. अंगारकी चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है. प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष के चौथे दिन को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. संकष्टी चतुर्थी को भगवान श्री गणेश का दिन माना जाता है तथा इस दिन उनकी पूजा की जाती है. संकष्टी चतुर्थी जिसे संकटा हारा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.
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यदि आप आज व्रत रखते हैं तो सबसे पहले स्वयं सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ़ वस्त्र धारण करें.
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अब पूजा स्थल की साफ़ सफाई कर लें और पूर्व दिशा में आसान बिछाकर बैठें.
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इसके बाद “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.
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यदि आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए व्रत रख रहे हैं तो पूजा के दौरान लाल वस्त्र पहन कर बैठें और गणेश जी को लाल के रंग का चंदन जरूर अर्पित करें.
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बता दें कि यदि आप आज व्रत विशेष रूप से केवल अपने मन की शांति और संतान की उन्नति के लिए रख रहें हैं तो पीले रंग का वस्त्र धारण करें और गणेश जी को सफ़ेद चंदन अर्पित करें.
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आज गणेश पूजन के दौरान आपको कुछ ख़ास सावधानियां भी बरतनी की आवश्यकता भी पड़ सकती है.
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आज गणेश पूजन के दौरान भूलकर भी तुलसी के पत्तों का प्रयोग ना करें. शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि गणेश जी को तुलसी के पत्ते चढ़ाना वर्जित माना जाता है.
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गणेश जी को चढ़ाया जाने वाला फूल पवित्र और ताज़ी होनी चाहिए.
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इसके अलावा गणेश पूजन के दौरान उन्हें दूर्वा अवश्य चढ़ाएं.
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इसके साथ ही साथ गणेश जी को खासतौर से प्रसाद के रूप में मोदक और मोतीचूर के लड्डू चढ़ाएं जा सकते हैं.
हमारे धर्मशास्त्रों के अनुसार आज के दिन व्रत रखना बेहद लाभकारी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन व्रत रखने से पूरे वर्ष में आने वाले चतुर्थी का लाभ मिलता है. इसके साथ ही साथ अंगारकी चतुर्थी का व्रत रखने से विशेष रूप से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है. इसके अलावा शास्त्रों में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि आज के दिन व्रत रखने से मुख्य रूप से परिवार में सुख शांति बरक़रार रहती है और जीवन में प्रगति के मार्ग प्रसस्थ होते हैं. वैसे तो संकष्टी चतुर्थी महीने में दो बार आती है लेकिन मंगलवार के दिन पड़ने वाले चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है और इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखकर विधि पूर्वक उनकी पूजा अर्चना की जाती है.
बता दें कि अंगारकी चतुर्थी के दिन गणेश पूजन के दौरान उनके ख़ास मंत्रों का जाप भी आवश्यक माना जाता है. इस दिन निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना ख़ासा अहम माना जाता है.
“खर्वं स्थूलतनुं गजेंन्द्रवदनं लंबोदरं सुंदरं
प्रस्यन्दन्मधुगंधलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम्
दंताघातविदारितारिरूधिरै: सिंदूर शोभाकरं
वंदे शैलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम”