नई दिल्ली/मुंबई : अभी हाल ही में शरद पवार का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष के तौर पर अगले चार साल के लिए चुने जाने के बाद पार्टी में बगावत और फूट की बात भी सामने आ रही है. शनिवार को शरद पवार को सर्वसम्मति से चार साल के लिए एनसीपी का अध्यक्ष चुन लिया गया. इसके बाद रविवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई. इस दौरान एनसीपी के ताकतवर नेताओं में शुमार अजित पवार बैठक छोड़कर बाहर निकल गए. इसके बाद से ही अटकलें लगाई जाने लगीं कि शरद पवार को चार साल के लिए पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की वजह से अजित पवार नाराज हो गए हैं और एनसीपी में फूट हो गई. हालांकि, बैठक से बाहर जाने के मसले पर अजित पवार ने सफाई भी दी है.
एनसीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से बाहर जाने के मसले पर अजित पवार ने सोमवार को कहा कि वह अपनी पार्टी से नाखुश नहीं हैं और न ही पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज किया है. उन्होंने कहा कि मीडिया ने मामले को बेवजह तूल दिया है. एनसीपी नेता ने कहा कि वह केवल कुछ देर के लिए प्रसाधन (वॉशरूम) गये थे. बारामती से विधायक अजित पवार ने कहा कि मेरी पार्टी ने कभी मुझे नजरअंदाज नहीं किया. मैं पार्टी नेतृत्व से नाराज या निराश नहीं हूं. पार्टी ने मुझे प्रमुख पद दिए. मुझे उप मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा में) बनाया गया.
बता दें कि रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा अजित पवार के संबोधित किए जाने की मांग के बीच वह मंच से उठकर चले गए थे. उन्हें पार्टी के नेता जयंत पाटिल के बाद बोलना था, लेकिन वह वापस ही नहीं लौटे. इस तरह मंच पर शरद पवार की मौजूदगी में अजित पवार के इस रुख को बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पार्टी में फूट होने के कयास भी लगाए जाने लगे हैं.
कार्यकारिणी की बैठक छोड़ने के बाद अटकलें यह लगाई जा रही हैं कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार और पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल के बीच शीत युद्ध चल रहा है. इस प्रकार की अटकलों ने तब और जोर पकड़ लिया, जब दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार ने पार्टी प्रमुख शरद पवार के सामने अपने बागी तेवर दिखा दिए. कार्यकारिणी की बैठक से बाहर जाने के मसले पर सवाल यह भी खड़े किए जा रहे हैं कि आखिर अजित पवार ने जयंत पाटिल का नाम वक्ता के तौर पर बुलाए जाने के ऐलान के साथ ही मंच छोड़कर बाहर क्यों चले गए?
हालांकि, सोमवार को उन्होंने इन अटकलों को खारिज करते हुए कि मैं सुबह से ही मंच पर बैठा था. एक इंसान के लिए टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होना स्वाभाविक है. मैं बैठक से बाहर नाराजगी के कारण नहीं गया, बल्कि टॉयलेट के लिए मंच से नीचे उतरकर बाहर गया था. उन्होंने कहा कि इसके बाद मीडिया इस बात को बेवजह तूल दे रहा है कि मैं पार्टी से नाराज हूं, इसलिए बैठक छोड़कर बाहर चला गया.
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गौरतलब है कि शनिवार को ही शरद पवार को एक बार फिर से अगले 4 साल के लिए पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. वह 1999 से ही पार्टी के अध्यक्ष बने हुए हैं. फिलहाल, उनके अलावा पार्टी के पास सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल जैसे दो महासचिव हैं. यही नहीं, अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. 2024 के आम चुनाव के लिए शरद पवार विपक्षी एकता की वकालत कर रहे हैं.