भागलपुर: जिले में करीब दो हजार से अधिक प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं. इनमें एक चौथाई सरकारी विद्यालयों में पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था के लिए विद्यालय प्रबंधन को रोजाना मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कुछ बच्चे घर से वाटर बोतल लाते हैं, तो अधिकांश बच्चे पानी पीने की समस्या झेलते हैं. शिक्षा विभाग ने जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पानी की व्यवस्था को लेकर सर्वे कराया. सर्वे के बाद शिक्षा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 574 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में अब तक नल जल योजना के तहत नल का कनेक्शन नहीं लगा है. जबकि इन स्कूलों के आसपास के घरों में नल जल योजना के तहत नल का कनेक्शन जोड़ दिया गया है.
शिक्षा विभाग ने सर्वे के दौरान यह भी पाया कि जिले के 531 विद्यालयों में पानी की व्यवस्था के लिए चापाकल की व्यवस्था नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार 531 में 30 विद्यालय ऐसे हैं, जहां अधिकांश जगह चापाकल रहने के बावजूद इनसे पानी नहीं निकल रहा है. 30 में से कुछ विद्यालयों मे दो चापाकल हैं, इनमें से एक चालू हालत में है तो दूसरा बंद है. विद्यालयों का कहना है कि बार बार चापाकल को ठीक कराने के बावजूद यह थोड़े दिन बाद सूख जाता है. इसके बाद स्कूल में घोर जलसंकट का सामना करना पड़ता है.
जिले के प्रखंडों के अलावा भागलपुर नगर निगम क्षेत्र के स्कूलों का भी यही हाल है. नगर निगम क्षेत्र के 84 मध्य व प्राथमिक विद्यालयों में चापाकल नहीं है. वहीं 52 विद्यालयों को नल जल योजना का लाभ नहीं मिला है. बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि पानी नहीं रहने के कारण बच्चे बाथरूम करने के लिए घर आ जाते हैं.