Ranchi news: राज्य सरकार ने किसानों को सूखा में राहत देने की पहल की है. किसानों के बीच 20 करोड़ का बीज कृषि विभाग विशेष फसल विस्तार योजना के तहत बंटेगा. किसानों को यह बीज शत-प्रतिशत अनुदान पर मिलेगा. कृषि विभाग ने इसका राज्यादेश जारी कर दिया है. इससे करीब 25.26 हजार हेक्टेयर में खेती हो सकेगी. सूर्यमुखी, मूंगफली, मड़ुआ, मक्का, सरसों और चना का बीज बांटा जायेगा. वर्तमान मौसम को देखते हुए कृषि विभाग ने निदेशक को अधिकार दिया है कि वह अपने अनुसार निर्धारित लक्ष्य बदल सकते हैं. बीज का वितरण बिरसा फसल विस्तार योजना के तहत होना है. यह योजना पहले विशेष फसल योजना के नाम से चलती थी और पिछले तीन साल से नहीं चल रही थी.
योजना के तहत किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर प्रत्यक्षण के नाम पर बीज, एकीकृत उर्वरक और कीट प्रबंधन का सामान दिया जायेगा. इसके लिए संकुल का चयन किया जायेगा. संकुल 50 हेक्टेयर का होगा. योजना का अनुश्रवण जिला कृषि पदाधिकारी या परियोजना पदाधिकारी आत्मा करेंगे. किसानों का चयन ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी से होगा. कृषि निदेशक योजना के नियंत्री पदाधिकारी होंगे. लाभुकों का चयन जिला कृषि पदाधिकारी करेंगे.
किसानों के बीच 5.41 करोड़ रुपये का चना का बीज बांटा जायेगा. 5.67 करोड़ रुपये का मूंगफली तथा 1.15 करोड़ रुपये का मड़ुआ का बीज बांटा जायेगा. किसानों के बीच इस स्कीम से 3.03 करोड़ रुपये का सूर्यमुखी तथा 4.12 करोड़ रुपये में संकर मक्का का बीज बांटा जायेगा. करीब 59.40 लाख रुपये का सरसों बीज बांटने का लक्ष्य है.
सीएम हेमंत सोरेन सोमवार को सूखे की स्थिति की समीक्षा करेंगे. इसमें केंद्र से सहयोग लेने के मुद्दे पर चर्चा होगी. पिछली बैठक में उन्होंने सूखा प्रभावित जिलों के लिए विशेष रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था. वहीं वरीय अधिकारियों को जिलावार जमीनी रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. बैठक में इसी रिपोर्ट पर चर्चा होगी. इसमें कृषि विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों के अधिकारी हिस्सा लेंगे.
राज्य में सुखाड़ के हालात उत्पन्न हो गये हैं. ऐसे में सरकार पीडीएस को और ज्यादा मजबूत करेगी. यह बात खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कही. खाद्य सुरक्षा पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ उरांव ने कहा कि झारखंड में सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं. यहां की कृषि पूरी तरह वर्षा पर आश्रित है. वर्षों बाद राज्य में भयंकर सुखाड़ की स्थिति बनी है. ऐसे में पीडीएस को और ज्यादा दुरुस्त करना आवश्यक है. ऐसा होगा, तभी आवश्यकता के अनुसार लोगों को अनाज मिल सकेगा. खाद्य आपूर्ति की वर्तमान व्यवस्था में लाभुक गरीबों का पेट तो भरा जा सकता है, लेकिन उन्हें जरूरी पोषण नहीं मिलता है.
रिपोर्ट: मनोज सिंह, रांची