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BRABU: नैक मूल्यांकन के लिए जर्जर इंफ्रास्ट्रक्चर वाले कॉलेजों की नहीं है रूचि, विभाग ने कहा…

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित अंगीभूत कॉलेजों में नैक मूल्यांकन के लिए अभी कागजी तैयारी तेजी से चल रही है यानी कॉलेज व विभाग पिछले पांच साल का ट्रैक रिकॉर्ड सुधारने में लगे हैं. हालांकि कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर अभी कोई तैयारी नहीं दिख रही है.

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित अंगीभूत कॉलेजों में नैक मूल्यांकन के लिए अभी कागजी तैयारी तेजी से चल रही है यानी कॉलेज व विभाग पिछले पांच साल का ट्रैक रिकॉर्ड सुधारने में लगे हैं. दरअसल, मूल्यांकन के लिए पहले चरण में वार्षिक प्रतिवेदन (एनुअल क्वालिटी एश्योरेंस रिपोर्ट) भेजना है. तमाम कॉलेजों के साथ ही पीजी विभागों में इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह जर्जर है, जबकि वर्तमान में इवेंट्स पर जोर दिया जा रहा है. सेमिनार, संगोष्ठी व जागरूकता रैली के साथ ही अन्य कार्यक्रम कराये जा रहे हैं. वहीं, मूलभूत सुविधाओं को लेकर अभी कोई तैयारी नहीं दिख रही है. नैक की ओर से पहले सेकेंड सर्किल के मूल्यांकन के लिए जुलाई में एक्यूएआर जमा करने को कहा गया था. इसे बढ़ाकर अक्टूबर तक जमा करने को कहा गया है.

एसएसआर से पहले बदलेगी कॉलेजों की सूरत

विवि मुख्यालय स्थित एलएस कॉलेज, आरडीएस कॉलेज व रामेश्वर कॉलेज सहित करीब दो दर्जन कॉलेजों का सेकेंड सर्किल का मूल्यांकन कराना है. विश्वविद्यालय का भी मूल्यांकन होना है. इसको लेकर तैयारी चल रही है. अगले महीने एक्यूएआर भेजा जायेगा. वह स्वीकृत होने के बाद कॉलेजों को एसएसआर (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) भेजना है. कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि अभी आंतरिक तैयारी चल रही है. एसएसआर भेजने से पहले तैयारी बाहर से भी दिखने लगेगी.

कॉलेज नहीं ले रहे रुचि, विभाग ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय सहित सभी कॉलेजों के नैक से मूल्यांकन के लिए टीम गठित की जायेगी. कॉलेजों में नैक मूल्यांकन की तैयारियों में हो रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए यह टीम मार्गदर्शन करेगी. शिक्षा विभाग ने मूल्यांकन को लेकर कॉलेजों की उदासीनता को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. विवि को पत्र भेज कर कहा है कि कॉलेजों की ओर से इस दिशा में रुचि नहीं ली जा रही है, जिसका प्रभाव बच्चों के भविष्य पर हो रहा है. कहा गया है कि विशेष परिस्थिति में कॉलेज औपबंधिक एक्रीडिटेशन प्राप्त करने की दिशा में प्रयास कर सकते हैं. हालांकि यह व्यवस्था पहली बार मूल्यांकन कराने वाले कॉलेजों के लिए ही दी गयी है.

18 कॉलेजों का अब तक नहीं हुआ मूल्यांकन

बिहार विश्वविद्यालय सहित इससे संबद्ध दो दर्जन कॉलेजों के नैक मूल्यांकन के पहले चरण की वैधता समाप्त हो चुकी है. वहीं 18 कॉलेजों ने अब तक नैक मूल्यांकन की दिशा में पहल ही नहीं की. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अंगीभूत के साथ ही संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए भी नैक अनिवार्य कर दिया है. कहा गया है कि अब इन कॉलेजों को किसी प्रकार का अनुदान तभी प्राप्त होगा, जब वे नैक से मूल्यांकन कराएंगे. कॉलेज ने कोरोना काल का हवाला देकर दो वर्षों से विश्वविद्यालय को सालाना रिपार्ट भी नहीं भेजी है.

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