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गया में वैदिक मंत्रोचारण के साथ प्रतिपदा श्राद्ध शुरू, आज देवघाट और फल्गु में पिंडदान के लिए उमड़ी भीड़

Pitru Paksha 2022: गया में 15 दिनों का पितृपक्ष मेला शुरू हो गया है. आज दूसरे दिन करीब 90 हजार से अधिक पिंडदानी गयाजी पहुंचकर अपने पितरों को मोक्ष व उद्धार दिलाने की कामना कर रहे है.

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Pitru Paksha 2022: मोक्ष धाम के रूप में प्रख्यात धार्मिक नगरी गयाजी में आज से पिंडदान व कर्मकांड की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आज प्रतिपदा से श्राद्ध कर्म, तर्पणादि आरंभ होगा. पितृपक्ष में ब्रह्मभोज के साथ पितरों के निमित्त यथासंभव दान-पुण्य करना अति पुण्यदायी है.

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देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों के द्वारा फल्गु नदी स्थित देवघाट सहित अन्य पिंड विधियों पर पिंडदान की प्रक्रिया की जा रही है. वहीं पूरे विधि विधान से स्थानीय पंडा समाज के द्वारा पिंड दान कर्मकांड को संपन्न कराया जा रहा है. हालांकि, इस बार तीर्थयात्री फल्गु नदी के जल को देखकर काफी खुश दिखे.

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बिहार सरकार के द्वारा इस बार तीर्थयात्रियों के मद्देनजर डैम का निर्माण कराया गया है. जिनका नाम दिया गया है, इस कारण देवघाट स्थित फल्गु नदी में पानी भरा हुआ है. चुकी जो कि पहले सुखी फल्गु नदी में बालू खोदकर जैसे तैसे जल की व्यवस्था कर पिंडदान व तर्पण किया जाता था.

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इस बार फल्गु नदी में बहते जल को देखकर पिंडदानी काफी खुश दिखे. साथ हीं अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान तर्पण और श्राद्ध कर्म कांड कर रहे हैं. ऐसी मान्यता है की गयाजी में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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स्वामी रामाचार्य ने बताया कि मान्यता है कि गयाजी में स्वंय विष्णु भगवान विराजमान है. यहां पर भगवान राम भी अपने पिता दशरथ की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किये थे. यही कारण है की इस पितृपक्ष मेला की अवधि में लाखो की संख्या में तीर्थयात्री यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष की कामना करते है.

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