What Is Green Hydrogen: भारत के दो सबसे बड़े रईसों मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और गौतम अडानी (Gautam Adani) के बीच दुनिया की सबसे सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन (green hydrogen) बनाने के लिए होड़ मची है. ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) पानी और क्लीन इलेक्ट्रिसिटी से बनती है और इसे भविष्य का ईंधन माना जा रहा है. देश के दोनों बड़े दिग्गज उद्योगपतियों ने ग्रीन हाइड्रोजन इंडस्ट्री में अरबों रुपये निवेश करने का ऐलान किया है.
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज की तरफ से घोषणा की गई है कि वह कैलिफोर्निया स्थित सौर उर्जा सॉफ्टवेयर डेवलपर सेंसहॉक में बड़ी हिस्सेदारी खरीदेगी. कंपनी का कहना है कि यह अक्षय उर्जा या ग्रीन एनर्जी सेक्टर में उनकी इनवेस्टमेंट का हिस्सा है.
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वहीं, गौतम अडानी ने ऐलान किया है कि उनकी कंपनी भारत में तीन गीगाफैक्ट्रीज लगाने जा रही है, जो सोलर मॉड्यूल्स, विंड टर्बाइन्स और हाईड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स बनायेगी. अडानी ग्रुप ने ग्रीन एनर्जी बनाने के लिए फ्रांस की टोटल एनर्जीज के साथ हाथ मिलाया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले तीन वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस सेक्टर में 10 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनायी है. दूसरी ओर, अडानी ग्रुप क्लीन एनर्जी की दिशा में अानेवाले एक दशक में 70 बिलियन डॉलर निवेश करने जा रहा है. ऐसे देखें, तो दोनों कंपनियों ने साफ कर दिया है कि वे देश के ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में बड़ा बिजनेस करने जा रही हैं और इसे लेकर दोनों में कड़ा मुकाबला होने जा रहा है.
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ग्रीन हाइड्रोजन को सबसे अच्छे और स्वच्छ ईंधनों में से एक माना जाता है. पानी के इलेक्ट्रोलाइसिस के दौरान हाइड्रोजन गैस निकलती है. इस प्रक्रिया के तहत इलेक्ट्रिक करेंट के जरिये पानी में से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग कर दिया जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में सौर या पवन, जैसी अक्षय उर्जा का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह देखें, तो हम पाएंगे कि ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में पर्यावरण के लिए खतरनाक मानी जानेवाली कोई ग्रीनहाउस गैस नहीं निकलती है. इस तरह बनी हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन कहते हैं.
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