सुमित कुमार, पटना. बिहार में नगर निकाय चुनाव भले ही दलीय आधार पर न हो रहे हों, लेकिन इन चुनावों में क्षेत्रीय क्षत्रपों की बड़ी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. भाजपा यह मानकर चलती रही है कि पटना समेत अधिकतर शहरी इलाकों में उसका दबदबा रहा है. ऐसे में जब पहली बार प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से मेयर-डिप्टी मेयर के चुनाव हो रहे हैं, महागठबंधन की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी.
बदले राजनीतिक माहौल में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले यह निकाय चुनाव दोनों गठबंधनों (महागठबंधन और एनडीए) के बड़े नेताओं के लिए लिटमस टेस्ट से कम साबित नहीं होगा. दोनों गठबंधनों में शामिल दलों के बड़े नेता प्रयास करेंगे कि कम से कम सभी बड़े शहर यानि नगर निगमों पर उनकी पसंद के मेयर-डिप्टी मेयर काबिज हों. इसके लिए लॉबिंग भी शुरू हो गयी है.
पटना नगर निगम का क्षेत्र शहर के तीन विधानसभा क्षेत्रों को कवर करता है. यहां मेयर की सीट सामान्य महिला जबकि डिप्टी मेयर सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है. निवर्तमान मेयर सीता साहू भाजपा से जुड़ी हैं. उनकी दोबारा दावेदारी होने पर जदयू, राजद व कांग्रेस मिल कर किसी एक उम्मीदवार को समर्थन कर सकते है.
राजनीतिक नजरिये से देखें तो मुजफ्फरपुर और गया में मेयर पद को लेकर कांग्रेस व भाजपा के बीच रस्साकस्सी देखने को मिलेगी. मुजफ्फरपुर में कांग्रेस विधायक विजेंद्र चौधरी और भाजपा विधायक सह पूर्व मंत्री सुरेश शर्माके बीच नगर निगम पर कब्जेको लेकर जोड़-तोड़ चलती रही है. यहां सांसद भाजपा के अजय निषाद हैं, वहीं विधायक कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी हैं. जबकि दोनों पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे मे दोनों पार्टियां अपना मेयर और डिप्टी मेयर के लिए संघर्षरत होंगी.
वहीं, गया नगर निगम में डिप्टी मेयर सह कांग्रेस के विधानसभा उम्मीदवार रहे मोहन श्रीवास्तव और भाजपा नगर विधायक प्रेम कुमार की राजनीति चलती रही है. दोनों निगमों के मेयर डिप्टी मेयर आरक्षण में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मुजफ्फरपुर के दोनों पद पिछड़ा वर्ग जबकि गया के दोनों पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. ऐसे में गठबंधन दलों के नेता अपना समीकरण साधते दिखेंगे.
भागलपुर में मेयर के पद पर पिछड़ा वर्ग (महिला) और डिप्टी मेयर का आरक्षण पिछड़ा वर्ग (अन्य) के लिए बरकरार रहने से डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के मेयर चुनाव लड़ने की उम्मीदों पर झटका लगा है. फिलहाल इस सीट से वैश्य समाज की सीमा साहा मेयर हैं.
हालांकि बिहारशरीफ नगर निगम में मेयर की सीट पिछड़ा वर्ग (महिला) से हटा कर पिछड़ा वर्ग (अन्य) कर दिया गया है. इससे वर्तमान महिला मेयर को पुरुषों से भी चुनौती मिलने की उम्मीद है.