Deoghar news: भादो मेला शुक्रवार को पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जायेगा. शनिवार से प्राचीन मेला अढ़इया प्रारंभ हो जायेगा. हलांकि, अढ़इया मेला की झलक बाबानगरी में दिखनी प्रारंभ हो गयी है. गुरुवार को सुबह से ही सुल्तानगंज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर्षक सुंदर पारंपरिक कांवर लेकर नाचते-गाते हुए बाबाधाम पहुंचते दिखे.
कांवरिये शिवगंगा में स्नान कर विधिवत संकल्प कर पंडित शिवराम झा चौक से कतार व्यवस्था के साथ बाबा मंदिर में प्रवेश कर स्पर्श पूजा अर्चना कर मंगलकामना की. बाबा मंदिर का पट सुबह चार बजे खोला गया. उसके बाद कांचा जल पूजा के पश्चात सरकारी पूजा शुरू की गयी. यह मिनट तक चली. इसके बाद कांवरियों के लिए बाबा मंदिर का पट खोल दिया गया. पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए जुट गयी. गुरुवार को काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने शीघ्रदर्शनम कूपन कटाया. पट बंद होने तक 3652 कांवरियों ने कूपन लेकर जलार्पण किया. गुरुवार को करीब 60 हजार कांवरियों ने जलार्पण किया.
भागलपुर से आकर्षक कांवर लेकर पहुंचा जत्था : भागलपुर से एक बड़ा जत्था आकर्षक कांवर के साथ बाबाधाम पहुंचे. ये सभी भागलपुर के नाथनगर से आये हुए थे. नाथनगर कांवरिया संघ के बैनर तले लगभग 250 श्रद्धालु आये थे. सुल्तानगंज से कांवर उठाकर बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण किया. यह देख कर बिहार से आये अन्य श्रद्धालु भी जुट गये और उनके साथ नाचने गाने लगे. समिति के सुबोध मंडल ने बताया कि 1916 से भादो मेला में आ रहे हैं. कांवर को रंग-बिरंगी लाइट से सजाकर लाते हैं और बाबा की पूजा करते हैं.
मंदिर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा एनजीओ को
बाबा मंदिर की सफाई व्यवस्था अब लोक प्रेरणा समाधान के जिम्मे हो गया. गुरुवार को सफाई कार्य शुरू करने से पहले इसका उदघाटन किया गया. गंगा मंदिर के पास बाबा मंदिर के अधीक्षक सह दीवान सोना सिन्हा, मंदिर सफाई प्रभारी प्रदीप झा एवं संस्था के सचिव बिलाश भूईयां ने नारियल फोड़कर इसकी शुरुआत की. सफाई कर्मियों की पहचान के लिए रेडियम जैकेट दिया गया है. इसमें बाबा मंदिर का नाम एवं लोगो है. मंदिर के सफाई कर्मी के अलावा संस्था के कर्मचारी दो शिफ्ट में सफाई कार्य करेंगे.