गुमला प्रखंड के खरका गांव निवासी अनाथ परदेसिया उरांव का समाचार प्रभात खबर में छपने के बाद इसका असर हुआ है. झारखंड राज्य के मंत्री चंपई सोरेन ने मामले में संज्ञान लिया है. मंत्री ने गुमला उपायुक्त को निर्देश देते हुए कहा है कि परदेसिया की सहायता करें. इस बच्चे को सामाजिक सुरक्षा तथा समाज कल्याण विभाग की अधिकतम योजनाओं से जोड़ते हुए यह सुनिश्चित करें कि परदेसिया की शिक्षा जारी रहे.
इधर, मंत्री के संज्ञान लेने के बाद गुमला उपायुक्त सुशांत गौरव ने मामले में गंभीरता दिखायी है. डीसी ने कहा है कि परदेसिया को सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए उसकी हर संभव मदद की जायेगी. यहां बता दें कि 15 वर्षीय परदेसिया उरांव अनाथ है. उसके पिता व माता का निधन हो गया है.
उसके पास न रहने के लिए घर है और न खाने के लिए अनाज है. यहां तक कि उसके नाम से राशन कार्ड तक नहीं बना है. वह होटल में काम करके अपने पेट की भूख मिटा रहा है. 10वीं का छात्र होने के बावजूद वह स्कूल नहीं जा पाता है. क्योंकि वह होटल में काम करता है. उसने प्रशासन से सुरक्षा, आश्रय, शिक्षा व रोजी-रोटी की मांग की है.