मुजफ्फरपुर. नीट का परिणाम आने के बाद जिले में खुशी की लहर है. शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों के मेधावियों ने भी नीट में सफलता हासिल करके परिवार व क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है. कई छात्र-छात्राओं ने घर में या अपने शहर में ही रहकर तैयारी की और सफलता हासिल की.
बीएसएनएल में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत कांटी निवासी अरुण कुमार की बेटी अभिलाषा डॉक्टर बनेगी. उसे नीट में आॅल इंडिया रैंक 7269 मिला है. अभिलाषा ने बताया कि उसने नीट के लिए खुद से तैयारी की थी. कुछ टीचर्स से गाइडेंस भी मिलता रहा. अरुण कुमार मुजफ्फरपुर कार्यालय में ही कार्यरत है. बड़ी बेटी अरुनिशा मेडिकल द्वितीय वर्ष में अध्ययन कर रही है, जबकि पुत्र अभिषेक आइआइटी की तैयारी कर रहा है. परिवार वालों ने उपलब्धि पर खुशी जतायी है.
मोतीपुर के बथनाहा गांव के रहने वाले निलोत्पल कुमार को पहले प्रयास में ही आॅल इंडिया रैंक 2014 मिला है. निलोत्पल के पिता दिलीप कुमार गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्टर है, जबकि मां चुनचनु कुमारी मध्य विद्यालय भररा हिंदी बड़कागांव मड़वन में शिक्षिका है. निलोत्पल ने प्राइमस पब्लिक स्कूल से 10वीं की. इसी साल दिल्ली से 12वीं की पढ़ाई पूरी की है. वहीं, कोटा से नीट की तैयारी कर रहा था. उसकी सफलता पर परिवार खुश है. बताया कि डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं.
साहेबगंज के आनंदी छपरा निवासी मो वारिश को को पांचवें प्रयास में सफलता मिली है. मजदूरी करने वाले साबीर अली के पुत्र वारिश ने 2016 में प्लस टू हाइस्कूल साहेबगंज से इंटर की पढ़ाई पूरी की. बताया कि वह शुरू से ही डॉक्टर बनना चाहता था. कुछ दिनों तक पटना में रहकर तैयारी की. इसके बाद सेल्फ स्टडी पर फोकस किया. उसके गुरु ने हर समय मार्गदर्शन किया. वारिश को 604 अंक के साथ आॅल इंडिया रैंक 19115 मिला है. वहीं कैटेगरी रैंक 8049 है.
मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने पीजी सेकेंड सेमेस्टर सत्र 2020-22 का परीक्षा फॉर्म भरने के लिए विलंब शुल्क के साथ 12 सितंबर तक का समय दिया है. परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय कुमार ने बताया कि पहले सात सितंबर तक फॉर्म भरने का समय दिया गया था. इस दौरान जो विद्यार्थी परीक्षा फॉर्म नहीं भर सके हैं, वे 500 रुपये विलंब शुल्क के साथ 12 सितंबर तक फॉर्म भर सकेंगे. परीक्षा नियंत्रक ने सभी विभागाध्यक्ष व संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजा है.