Jharkhand News : हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) के दो सेवानिवृत्त सीएमडी के घरों में सीबीआइ की छापेमारी से हड़कंप है. ऐसे में तय माना जा रहा कि सीबीआइ जल्द मऊभंडार में दस्तक देगी. सीबीआइ ने एचसीएल के दो पूर्व सीएमडी समेत पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. आरोप है कि दो पूर्व सीएमडी समेत पांच अधिकारियों के कार्यकाल में एचसीएल के साथ आइसीसी कारखाना की योजनाओं में गड़बड़ी हुई है. इन दो पूर्व सीएमडी के कार्यकाल में मऊभंडार के आइसीसी कारखाना में लगभग 60 करोड़ की कॉपर-निकेल प्रोजेक्ट योजना और 60 से 70 करोड़ की ब्लोअर योजना में गड़बड़ी हुई है.
सूत्र बताते हैं कि योजनाओं में 50 प्रतिशत काम हुआ. वहीं 50 प्रतिशत काम आज तक पूरा नहीं हुआ है. सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएमडी केडी दीवान के कार्यकाल में आइसीसी में कॉपर निकल प्रोजेक्ट योजना को धरातल पर उतारना था. योजना आइसीसी के लिए सफल साबित नहीं हुई. वहीं पूर्व सीएमडी संतोष शर्मा के कार्यकाल में आइसीसी कारखाना में इलेक्ट्रिकल ब्लोअर लगाने की योजना थी. यह योजना भी आइसीसी के लिए सफल साबित नहीं हुई.
आइसीसी में तांबा के साथ सोना चांदी व बहुमूल्य धातु मिलते थे. जानकारी हो कि मऊभंडार के आइसीसी कारखाना में तांबा के साथ सोना, चांदी, टेलेनियम, सेलेनियम, यूरेनियम समेत 18 बहुमूल्य धातु (प्रिसियस) मिलते थे. मुसाबनी रिकवरी प्लांट के पास यूरेनियम का रिकवरी प्लांट था. इनका आज के समय में नामोनिशान तक मिट गया है. रिकवरी प्लांट वीरान पड़े हैं. कइयों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है.
सोना निकालने का संयंत्र बंद हो गया. आइसीसी तांबा के साथ सोना, चांदी समेत अन्य बहुमूल्य धातुओं के लिए जानी जाती थी. सोना व चांदी समेत 18 बहुमूल्य धातु भ्रष्टाचार के आगोश में समा गये. धीरे-धीरे बहुमूल्य धातुओं के संयंत्रों को बंद करना पड़ा. आइसीसी से निकलने वाले सोना से घाटशिला के कई लोगों की किस्मत चमकी तो कई रसातल में चले गये.
रिपोर्ट : अजय पांडेय, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम