भारत ने ओडिशा तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल (QRSAM) प्रणाली का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने गुरुवार को बताया कि इस मिसाइल प्रणाली के छह परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए है.
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, विभिन्न परिदृश्यों के तहत हथियार प्रणालियों की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न प्रकार के खतरों को देखते हुए उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों के खिलाफ उड़ान परीक्षण किए गए थे. इसमें लंबी दूरी व मध्यम ऊंचाई वाले लक्ष्य, छोटी रेंज वाले लक्ष्य, ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्य, राडार पर आसानी से पकड़ में न आने वाले लक्ष्य शामिल थे.
डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, इन परीक्षणों के दौरान मिशन के सभी लक्ष्यों को हासिल किया गया तथा वॉरहेड चेन समेत अत्याधुनिक निर्देशन और नियंत्रण एल्गोरिदम के साथ हथियार प्रणाली सटीकता स्थापित हुई. इसमें कहा गया है कि एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) द्वारा स्थापित टेलीमीट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम्स (ईओटीएस) जैसे कई उपकरणों द्वारा लिए गए आंकड़ों से इस प्रणाली के प्रदर्शन की पुष्टि की गयी.
इस मिसाइल प्रणाली में सभी स्वदेशी उपकरण लगे हैं, जिसमें स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली मिसाइल, सचल लॉन्चर, पूरी तरह स्वचालित कमान एवं नियंत्रण प्रणाली तथा निगरानी रडार शामिल हैं. बयान में कहा गया कि यह प्रणाली अब सेना के बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार है.
Also Read: DRDO Recruitment 2022: डीआरडीओ में शामिल होने का सुनहरा मौका, टेक्नीशियन समेत 1901 पदों पर निकली वैकेंसीरक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिये डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी. उन्होंने भरोसा जताया कि क्यूआरएसएएम शस्त्र प्रणाली सशस्त्र बलों की शक्ति बढ़ाने में बहुत उपयोगी होगी.
वहीं रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने सफल परीक्षणों से जुड़े दल को बधाई दी और कहा कि यह प्रणाली अब भारतीय सेना में शामिल होने के लिये तैयार है.