सरकार द्वारा किसी भी राशन कार्ड धारकों को कम अनाज न मिले इसको लेकर कई फेरबदल किया गया है. कम अनाज न मिले इसके लिए वेट मशीन एवं पॉश मशीन से कनेक्ट कर पर्ची निकालने के साथ अनाज वितरण करने का निर्देश दिया गया है. परंतु राशन कार्ड धारकों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. सरकार डाल-डाल तो राशन दुकानदार पात-पात चल रहे है.
इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन में चावल एवं गेहूं रख कर तौलने के बजाय अब लोहे का बटखरा रख कर कार्डधारियों का अंगूठा लिया जा रहा है. इसी विधि से निर्धारित मात्रा को दिखाया जा रहा है. इसके बाद एक दूसरे तराजू से तौल कर राशन में कटौती की जा रही है. इसके बाद कटौती कर कार्डाधारी को राशन वितरण किया जा रहा है.
राशन कार्डधारी का ज्यादातर राशन कार्ड दुकानदार के पास ही रहता है. कार्डधारी के लिए कब फ्री राशन आता है, इसकी जानकारी विभाग या प्रशासन के द्वारा आम सूचना के माध्यम से सरेआम नहीं की जाती है. इसका पूरा फायदा राशन दुकानदार उठाते हैं. दुकानदार के द्वारा कभी कभार कार्डाधारी को राशन देकर कार्ड में नियिमत रूप से फ्री राशन देने संबंधी इंट्री कर दी जाती है.
ज्यादातर कार्डधारी का फ्री वाला राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है. इतना ही नहीं, राशन नहीं आने पर भी कार्डधारी के कार्ड में राशन की इंट्री करके दुकानदार द्वारा अंगूठा लगवा लिया जाता है. बाद में राशन आया या नहीं, इसकी जानकारी कार्डधारी को नहीं होने पर इंट्री किया हुआ राशन कार्डधारी के पास जाने के बजाय कालाबाजार में चला जाता है. कई राशन दुकानदार सीना ठोंक कर कहता है, जहां जाना है जाइए. कुछ नहीं होगा.