पटना. आर्थिक अपराध इकाई ने बीपीएससी पेपर लीक मामले में अपनी जांच को एक कदम आगे बढ़ा दिया है. मुख्य अभियुक्त डीएसपी रंजीत कुमार को अपनी जांच में दोषी पाया है. कोर्ट में कभी भी आरोपपत्र दाखिल कर दिया जायेगा. आय से अधिक संपत्ति मामले में बाद में आरोपपत्र दाखिल किया जायेगा.
आय से अधिक संपत्ति मामले में अभी उनसे पूछताछ की जानी है. इसके लिए उसे रिमांड पर लेने के लिए अलग से कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. एसएससी की परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में इओयू पहले ही उसके खिलाफ में केस दर्ज कर चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. जेल में बंद बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-14 गया के डीएसपी रंजीत रजक को 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था.
इधर, सृजन घोटाले की सुनवाई कर रही पटना सीबीआइ की विशेष अदालत ने पूर्व आइएएस अधिकारी केपी रमय्या, बैंकर्स गोलक बिहारी पांडा और सनत कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. विशेष कोर्ट ने सृजन घोटाले से जुड़े केस स्पेशल 12/20 में यह निर्णय दिया है. इस केस में सीबीआइ ने अनुसंधान के बाद आइएएस केपी रमय्या समेत 27 के खिलाफ 18 मार्च, 2021 को आरोपपत्र दाखिल किया था.
मामले में यह आरोप है कि केपी रमय्या ने भागलपुर में डीएम के पद पर रहते हुए चेक द्वारा अभियुक्तों के साथ साजिश करके तीन करोड़ रुपये का फर्जी तरीके से सृजन संस्थान के खाते में ट्रांसफर कर बंदरबाट कर लिया था. वर्तमान में इस मामले में रमय्या समेत 11 अभियुक्त कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए हैं और फरार चल रहे हैं. सीबीआइ मामले में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विशेष कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त कर चुकी है.