Cabinet Decision: केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को संपन्न हुई अहम बैठक में रेल लैंड लीज पॉलिसी में बड़े बदलाव पर मुहर लगाई गई. केंद्र की मोदी सरकार ने रेल लैंड लीज फीस (LLF) में बड़ी कटौती करते हुए इसे 6 से घटाकर 1.5 फीसदी करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही लैंड लीज की अवधि को 5 साल से बढ़ाकर 35 साल करने का फैसला लिया गया है.
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए रेलवे की नई लैंड पॉलिसी को संयोजित करने के लिए रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसमें कार्गो से संबंधित गतिविधियां हों, पब्लिक यूटिलिटी, रेलवे के एक्सक्लूजिव इस्तेमाल में संशोधन किए गए हैं. ये संशोधन रेलवे की भूमि नीति में बुनियादी ढांचे को और अधिक कार्गो टर्मिनल के एकीकृत विकास को बढ़ावा देगी.
Union Cabinet has approved policy on long-term leasing of Railways' Land to implement PM Gati Shakti framework. 300 cargo terminals will be developed in 5 years: Union Minister Anurag Thakur on Union Cabinet decisions pic.twitter.com/i3VEwVSXYs
— ANI (@ANI) September 7, 2022
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में गतिशक्ति टर्मिनल को भी विकसित करने का फैसला किया गया है. सरकार का इरादा अगले 5 साल में 300 गतिशक्ति टर्मिनल बनाने का है. बताया जा रहा है कि सरकारी कंटेनर कंपनी कॉन्कोर को इससे बड़ा लाभ मिलेगा. दरअसल, 2020 तक कॉन्कोर सरकारी कंपनी होने के नाते रियायती दरों पर लीज का लाभ लेती रही थी. हालांकि, उसके बाद सरकार ने फरमान जारी किया, अब सरकारी व निजी कंपनियों से एक समान लीज फीस वसूली जाएगी. इससे कॉन्कोर को 6 फीसदी फीस का भुगतान करना पड़ रहा था और उसके मुनाफे पर इसका प्रभाव पड़ रहा था.