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Dhanbad Robbery Case: NDA में नौकरी लगने की झूठी बात कह परिजनों से दूर था, एनकाउंटर में मारा गया शुभम

धनबाद एनकाउंटर मामला में एनडीए में चयनित होने के नाम पर शुभम सिंह राजूपत पिछले एक वर्ष से घर से बाहर रह रहा था. घरवालों से कहा था कि पुणे में ट्रेनिंग चल रही है. अपने दादा एवं पिता से इसके लिए राशि भी ली थी.

Dhanbad Encounter Case: धनबाद एनकाउंटर मामला में एनडीए में चयनित होने के नाम पर शुभम सिंह राजूपत पिछले एक वर्ष से घर से बाहर रह रहा था. घरवालों से कहा था कि पुणे में ट्रेनिंग चल रही है. अपने दादा एवं पिता से इसके लिए राशि भी ली थी. घरवालों के अनुसार वह राखी में अंतिम बार भूली आया था. हालांकि, भूली के नागरिकों का कहना है कि उसे एक-दो दिन पहले भी क्षेत्र में देखा गया था. वह मूलत: आरा (बिहार) का रहने वाला था.

बीसीसीएल में थे पिता ड्राइवर और दादा

शुभम सिंह डीएवी कुसुंडा का छात्र था. वहीं से 10वी एवं 12 वीं की पढ़ाई की थी. उसके पिता विश्वजीत सिंह एक आउटर्सोसिंग कंपनी में चालक हैं. उसकी दो छोटी बहनें हैं. अपनी बहनों से राखी बंधवाने के लिए पिछले माह भूली स्थित घर आया था. उसके दादा रामचंद्र सिंह बीसीसीएल के रिटायर्ड कर्मी हैं. दादा के नाम पर ही यह क्वार्टर आवंटित है. पिछले वर्ष घर वालों से कहा था कि उसका चयन एनडीए में हो गया है. बाद में कहा कि ट्रेनिंग के लिए पुणे जाना है. उसके दादा ने कुछ पैसे भी दिये थे. बीच-बीच में घर आता जाता रहता था. उसके घर वालों को यह जानकारी नहीं थी कि शुभम का अपराध जगत से जुड़ाव है.

पुलिस ने फोन किया तो पिता ने कहा, मेरा बेटा तो ट्रेनिंग कर रहा

आज घटना के बाद जब पुलिस ने उसके पिता को फोन किया तो उन्होंने कहा कि उनका बेटा तो खड़गवासला पुणे में एनडीए की ट्रेनिंग कर रहा है. इस तरह की घटना में शामिल हो ही नहीं सकता. इसके बाद पुलिस की टीम जब उसके घर पहुंची तो फोटो देख कर परिजनों ने उसकी पहचान की. इसके बाद अड़ोस-पड़ोस को भी पता चला. इस घटना से इस परिवार के जानने वाले भी हतप्रभ हैं. लड़का कैसे अपराध की दुनिया में प्रवेश कर गया, किसी को भनक तक नहीं लगी. अंतत: पुलिस के हाथों उसका अंत हो गया.

घर पर पसरा था सन्नाटा

देर रात तक शुभम सिंह राजपूत के भूली के बी ब्लॉक स्थित क्वार्टर नंबर बी-299 पर मातमी सन्नाटा छाया हुआ था. घर पर उसकी मां एवं दोनों बहनें ही थी. सभी को रो-रो कर बुरा हाल था. पड़ोस के लोग भी जानकारी लेने में लगे हुए थे. शुभम घर से ज्यादा बाहर ही रहता था. कभी-कभी ही घर पर आता था.

तलाशी में नहीं मिला कुछ

घटना के बाद भूली पुलिस की टीम उसके घर पहुंची. फोटो की पहचान कराने के बाद घर के अंदर तलाशी ली. उसके बक्शा सहित अन्य स्थानों को देखा. लेकिन, घर के अंदर कुछ भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला. पुलिस ने पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी भी करायी. परिजनों से उसके बारे में पूछ-ताछ भी की.

पिता और दादा से भी की थी 18 लाख की ठगी

विश्वजीत सिंह ने मुठभेड़ में मारे गये अपने पुत्र शुभम सिंह राजपूत का शव लेने से मना कर दिया है. उन्होंने पुलिस को भी इसकी जानकारी दे दी है. उन्होंने बताया कि मेरे पूरे परिवार की बहुत इज्जत है. लेकिन बेटे ने जो कुकर्म किया है, उसकी वजह से वह न तो शव लेंगे न दाह संस्कार करेंगे. उन्होंने बताया कि पिछले साल मार्च में बेटे ने बताया था कि उसका एनडीए में सेेलेक्शन हो गया है और उसे इंडियन आर्मी से मैसेज भी आया है. लेकिन जब भी उसे वर्दी पहनने के लिए बोलते थे तो वह शर्म का बहाना बता कर कभी नहीं पहनता था. इस दौरान उसने मुझसे और अपने दादा से लगभग 18 लाख रुपये ठगा है. इसलिए जो अपने घर को ठग सकता है वह इस तरह की घटना में शामिल हो सकता है. बुधवार को पूरे परिवार के साथ उसका अंतिम दर्शन किया जायेगा और वहीं से वापस लौट जायेंगे. उन्होंने बताया कि उनका पैतृक आवास भोजपुर जिला के आरा, थाना कोइलवर के ग्राम बाघमझौआ है.

अपराधियों ने गांधी रोड में बनाया था ठिकाना : एसएसपी

गिरफ्तार निर्मल सिंह पवार उर्फ आसिफ और गुंजन उर्फ राघव ने पूछताछ में पुलिस ने बताया कि पिछले 10 दिनों से वे लोग धनसार थाना क्षेत्र के गांधी रोड में बाबूलाल गली निवासी किशोर कुमार सोनी के घर को अपना ठिकाना बनाये हुए थे. जब पुलिस वहां पर पूछताछ के लिए गयी तो पता चला कि यहां कई लोग रहते थे और फर्जी आइडी कार्ड देकर घर किराया पर लिया था. इसके पहले ये लोग शहर में अन्य जगहों पर भी रह चुके हैं. अब सभी स्थानों पर पुलिस जाकर वेरिफाई कर रही है. यह जानकारी एसएसपी संजीव कुमार ने पत्रकारों से दी. इस दौरान ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन, बैंक मोड़ थाना प्रभारी डॉ पीके सिंह, मुंशी गौतम और बॉडीगार्ड उत्तम मौजूद थे.

गुंजन ज्वेल्स में भी इसी गिरोह का हो सकता है हाथ

एसएसपी ने बताया कि शनिवार को धनसार में गुंजन ज्वेल्स में हुई डकैती की घटना में इसी गिरोह का हाथ हो सकता है. अभी प्रारंभिक पूछताछ में कुछ भी साफ नहीं हो पाया है, लेकिन दोनों मामले में पांच-पांच अपराधी शामिल हैं और दोनों का तरीका भी एक ही तरह का लग रहा है. अब आगे की कार्रवाई के बाद ही पूरा मामला साफ हो पायेगा.

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