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Seat Belt Mandatory: कार की पिछली सीट पर बैठे यात्री को भी रखना होगा इस बात का ध्यान, वरना लगेगा जुर्माना

दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत से अधिक हादसे भारत में होते हैं, जिनमें हर दिन 426 लोगों की जान जाती है और हर घंटे 18 लोग मारे जाते हैं.

महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत ने सड़क सुरक्षा के मुद्दों जैसे कि तेज रफ्तार पर नजर रखने, पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना और सड़क की असंगत बनावट पर बहस तेज कर दी है. विशेषज्ञों ने तेज रफ्तार वाहनों पर नज़र रखने और पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करने की जरूरत पर जोर दिया है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन कंपनियों को पिछली सीट की सीट बेल्ट अलार्म अनिवार्य करने की बात कही है.

अब पिछली सीट पर बेल्ट नहीं लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पालघर में रविवार को एक कार दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के निधन के बाद हमने यह निर्णय लिया है कि पीछे की सीटों के लिए भी वाहनों में सीट बेल्ट अलार्म प्रणाली होनी चाहिए. केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) के तहत पिछली सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि, ज्यादातर लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि यह नियम अनिवार्य है. यातायात पुलिसकर्मी भी पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के सीट बेल्ट लगाने पर जुर्माना नहीं लगाते हैं.

8 सीट वाले वाहनों में 6 एयरबैग को अनिवार्य करने पर विचार

केंद्र सरकार वाहन कंपनियों के लिए अक्टूबर से आठ सीट वाले वाहनों में कम से कम छह ‘एयरबैग’ को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से उठाया जा रहा है. इससे पहले इसी साल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि वाहन यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का फैसला किया गया है, ताकि वाहनों में सुरक्षा को बढ़ाया जा सके.

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426 लोगों की हर दिन सड़क दुर्घटना में जाती है जान

अंतराष्ट्रीय सड़क महासंघ के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत से अधिक हादसे भारत में होते हैं, जिनमें हर दिन 426 लोगों की जान जाती है और हर घंटे 18 लोग मारे जाते हैं. महासंघ के अनुसार, 2021 में 1.6 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई और अधिकतर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को टाला जा सकता है.

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