AIIMS के निर्माण का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है. मंगलवार को समाहरणालय में दरभंगा मेडिकल कॉलेज (DMCH) के प्राचार्य डॉ कृपानाथ मिश्रा ने एम्स के कार्यपालक निदेशक डॉ माधवानंद कार को 81.09 एकड़ जमीन का कागज हस्तगत कराया. इस दौरान डीएम राजीव रोशन, डीएमसीएच के अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा आदि मौजूद थे. भारतीय गैर न्यायिक स्टांप पत्र पर हस्ताक्षर कर एम्स के कार्यपालक निदेशक डॉ माधवानंद कार को प्रथम चरण की 81 एकड़ नौ डिसमिल 650 वर्गकड़ी भूमि हस्तांतरित की गयी है.
केंद्र सरकार के द्वारा वित्तिय वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में दरभंगा में एम्स खोलने की घोषणा हुई थी. इसके लिए डीएमसीएच को 200 एकड़ जमीन देना था. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार( Nitish Kumar ) के द्वारा 55 एकड़ जमीन दरभंगा मेडिकल कॉलेज (DMCH) को वापस करने को कहा गया. इससे बात फंस गयी थी. हालांकि निर्माण की घोषणा के बाद से ही इसके लिए जमीन अधिग्रहण की समस्या आ रही है.
एम्स की ओर से डॉ माधवानंद कार ने भारतीय गैर न्यायिक स्टॉम पेपर पर हस्ताक्षर कर इसे ग्रहण किया. अपर समाहर्त्ता सह अपर जिला दंडाधिकारी राजेश झा ‘राजा’, डीसीएलआर सदर राकेश रंजन, सीओ सदर इंद्रासन साह, सीओ बहादुरपुर अभयपद दास ने गवाह के तौर पर स्टाम्प पेपर पर अपने-अपने हस्ताक्षर किये. इस अवसर पर सहायक समाहर्त्ता सूर्य प्रताप सिंह, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, विशेष कार्य पदाधिकारी सत्यम सहाय सहित अन्य जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
गौरतलब है कि योगदान के बाद से ही एम्स के कार्यपालक निदेशक विधिवत भूमि हस्तांतरण की मांग कर रहे थे. प्रथम चरण की भूमि विधिवत हस्तान्तरित हो जाने के पश्चात अब भवन, चहारदीवारी एवं अन्य निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.
दरभंगा एम्स अस्पताल में 750 बेड की व्यवस्था होगी. इसके निर्माण पर 1264 करोड़ रुपये की लागत आएगी. एम्स को लगभग 48 महीनों में बनकर तैयार होना था. मगर ये तय समय से काफी लेट हो गया है. दरभंगा एम्स में एमबीबीएस की 100 सीटें, बीएससी नर्सिंग की 60 सीटें निर्धारित की गई हैं. साथ ही, 15 से 20 सुपर स्पेसिलिटी डिपार्टमेंट भी होगा. इससे तीन हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा.