गुजरात में बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की महिला इकाई ने मंगलवार को यहां 48 घंटे का धरना शुरू किया और रिहाई को ”शर्मनाक एवं अस्वीकार्य” बताया. धरना मेयो रोड स्थित गांधी मूर्ति के पास हो रहा है. प्रदर्शन कर रही नेताओं ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बागदा में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों द्वारा हाल ही में एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म की घटना सहित महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कथित ढुलमुल रवैये के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की निंदा की.
बिलकिस बानो मामले में दोषियों को कैसे रिहा किया गया?
वरिष्ठ तृणमूल नेता और राज्य में उद्योग मंत्री डॉ शशि पांजा (Industries Minister Dr Shashi Panja) ने कहा कि ‘‘देश का कानून कहता है कि जब किसी कैदी को छूट देने पर विचार किया जाता है, तो दुष्कर्म और तस्करी के मामले में दंडित लोगों पर विचार नहीं किया जाता है. हम यह नहीं समझ पा रहे कि बिलकिस बानो मामले में दोषियों को कैसे रिहा किया गया? यह शर्मनाक और अस्वीकार्य है.”
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मेयो रोड में तृणमूल महिला कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन
तृणमूल की नेता पांजा ने 11 दोषियों को वापस जेल नहीं भेजने के लिए केंद्र और गुजरात में भाजपा नीत सरकारों की आलोचना करते हुए यह भी कहा कि ”देश की महिलाएं उनके कदमों के कारण असुरक्षित और अपमानित महसूस करती हैं.”भी बागदा में हुए दुष्कर्म की घटना को लेकर केंद्र पर निशाना साधा.
जघन्य अपराध कर रहे हैं बीएसएफ के जवान
उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसएफ पर देश की सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी है और वे जघन्य अपराध कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) इस घटना को लेकर रिपोर्ट मांगेंगे और महिला से दुष्कर्म के आरोपी बीएसएफ के कर्मियों को दंडित करेंगे? गौरतलब है कि पिछले महीने भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाका बागदा में एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में बीएसएफ के दो जवानों को गिरफ्तार किया गया था.