मुंगेर. बिहार के कई जिलों में मगरमच्छा का खौफ देखा जा रहा है. पिछले दिनों ही रोहतास में वन विभाग ने करीब डेढ सौ किलो के मगरमच्छ को पकड़ा था. सुल्तानगंज से लेकर सारण तक के लोग मगरमच्छ के शिकार हुए हैं, लेकिन मुंगेर का शिकारी मगरमच्छ रात के अंधेरे में पानी से बाहर आता है और मवेशियों का शिकार कर सुबह से पहले पानी में लौट जाता है. इस शिकारी मगरमच्छ से पूरे इलाके के लोग दहशत में हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह मगरमच्छ अभी छोटे-छोटे मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है, लेकिन अगर इसे पकड़ा नहीं गया तो मगरमच्छ कहीं इंसानों पर भी न हमला कर दे.
पिछले कुछ दिनों से मुंगेर में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. हालांकि, अब गांगा नदी का जलस्तर कम होने से बाढ़ का पानी उतरने लगा है. इसके बावजूद बरियारपुर प्रखंड के बाद पीड़ित गांव के लोग भयभीत हैं. दरअसल, बाढ़ में बहकर एक मगरमच्छ ग्रामीण इलाकों में आ गया है. बरियारपुर प्रखंड के बंगाली टोला, रघुनाथपुर, कल्याणपुर और घोरघट इलाके में बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया, ऐसे में बाढ़ में बहकर आया मगरमच्छ गांव में आ गया है. ग्रामीणों ने बताया कि यह मगरमच्छ मौका पाकर रात में छोटे मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है. मगरमच्छ कभी आम के बगीचा में तो कभी बाढ़ के पानी में खुलेआम ग्रामीणों को दिख रहा है, जिसका ग्रामीणों ने वीडियो भी बनाया है.
मुंगेर में पहली बार मगरमच्छ दिखा है, ऐसी बात नहीं है. इससे पहले भी मुंगेर से लगते गंगा के तटीय इलाकों में मगरमच्छ दिख चुका है. बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब मगरमच्छ गांवों तक आ गाय है और ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बंगाली टोला निवासी भादो मंडल ने बताया की बाढ़ के पानी से बचने के लिए ग्रामीण रेलवे ट्रैक पर आ गये हैं. उन्होंने बताया कि मवेशियों को वहीं पर बांधा जाता है. मगरमच्छ रेलवे ट्रैक तक बाढ़ के पानी के साथ आ गया है. बहियार में मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है.
ग्रामीण मगरमच्छ के गांवों में आने से काफी भयभीत हैं. जिला परिषद सदस्य दुर्गेश सिंह ने बताया कि बरियारपुर के ग्रामीण काफी भयभीत हैं की उनके इलाके में मगरमच्छ बाढ़ के पानी के साथ घुस गया है. इस बात की जानकारी उनके द्वारा अधिकारियों को दे दिया गया है, पर ग्रामीणों का डर अभी भी खत्म नहीं हो पा रहा है. मगरमच्छ ग्रामीणों के मवेशियों को निवाला बना रहे हैं.