24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धनबाद जिला में चलने वाले सभी 19 दाल-भात केंद्र बंद, खाने को तरस रहे गरीब

धनबाद जिला में संचालित सभी 19 मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र में सेवा बंद कर दी गयी है. प्रशासन ने एक साथ सभी केंद्र के संचालकों ने बंद करने का निर्णय लिया. इससे इन केंद्रों पर रोज भोजन करने के लिए पहुंचने वाले सैकड़ों गरीबों को भारी परेशानी शुरू हो गई है.

Dhanbad News: धनबाद जिला में संचालित सभी 19 मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र में सेवा बंद कर दी गयी है. प्रशासन ने एक साथ सभी केंद्र के संचालकों ने बंद करने का निर्णय लिया. इससे इन केंद्रों पर रोज भोजन करने के लिए पहुंचने वाले सैकड़ों गरीबों को भारी परेशानी शुरू हो गई है.

ऐसा रहता है दाल-भात केंद्र का मेन्यू

जिला के विभिन्न प्रखंडों में 19 सीएम दाल-भात केंद्र संचालित है. इन केंद्रों पर पांच रुपये प्रति प्लेट भोजन मिलता है. भोजन में दाल-भात के अलावा आलू या ओल का चोखा तथा चना व सोयाबरी की सब्जी मिलती है. एक केंद्र पर दो से चार सौ लोग प्रति दिन भोजन करते हैं. सभी केंद्रों का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) द्वारा किया जाता है.

Also Read: झारखंड में बिस्कोमान की संपत्तियों का हाल बेहाल, जानिए राज्य में कहां और कितनी परिसंपत्तियां मौजूद

राज्य सरकार देती है चावल तथा चना व सोयाबरी

राज्य सरकार की तरफ से केंद्र के संचालकों को चावल तथा चना व सोयाबरी आवंटित की जाती है. चावल का आवंटन केंद्रों में आने वाले लोगों की संख्या पर निर्भर करता है. अगर किसी केंद्र पर औसतन दो सौ लोग प्रति दिन भोजन करते हैं तो उस केंद्र को खाद्य, आपूर्ति विभाग की तरफ से लगभग 12 क्विंटल चावल तथा चना या योसाबरी दिया जाता है. हर माह यह आवंटन एक या दो तारीख को होती है. जबकि जिन केंद्रों पर चार सौ से ज्यादा लोग भोजन करते हैं वहां 21 से 24 क्विंटल चालू दिया जाता है. चना भी 40 किलो तक मिलता है. बाकी अन्य सामग्री जैसे दाल, आलू तथा ईंधन की व्यवस्था संचालकों को करनी है. इन केंद्रों पर सिर्फ दोपहर का खाना ही मिलता है.

ऐप काम नहीं करने से आवंटन नहीं मिला

दाल-भात केंद्रों के संचालकों का कहना है कि पांच सितंबर तक कोई आवंटन नहीं मिला है. मंगलवार को करमा की छुट्टी है. उनलोगों ने बाध्य हो कर तत्काल केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया है. कहा गया था कि अब हर लेन-देन ऐप के जरिये होगी. लेकिन, अब तक कोई ऐप विकसित नहीं किया गया है. यहां पर विभाग में भी कोई स्थायी अधिकारी पदस्थापित नहीं रहने से समस्या आ रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें