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झारखंड सरकार का संकल्प जारी, कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू, लगायीं ये शर्तें

झारखंड की हेमंत सरकार ने नयी अंशदायी पेंशन योजना समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है. सरकार मे एक संकल्प जारी किया है. इसके तहत एक दिसंबर 2004 या उसके नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गयी है.

रांची: झारखंड की हेमंत सरकार ने एक दिसंबर 2004 या उसके बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. इस तरह नयी अंशदायी पेंशन योजना समाप्त कर दी गयी है. वित्त विभाग ने इसका संकल्प जारी किया है. 17 जुलाई को मंत्रिपरिषद की हुई बैठक में इसकी स्वीकृति दी गयी थी. सरकार ने कई शर्तों के साथ इसे लागू किया है. पुरानी पेंशन योजना का लाभ चाहनेवाले कर्मियों को इसका शपथ पत्र देना होगा कि उन्हें सरकार की ओर से तय एसओपी की शर्तें मान्य हैं.

साथ ही वह किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय दावा राज्य सरकार से नहीं करेंगे. वहीं, नेशनल सिक्यूरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) से सरकारी अंशदान और उस पर प्राप्त ब्याज की राशि यदि सीधे राज्य सरकार को प्राप्त नहीं होती है, तो ऐसी स्थिति में सेवानिवृत्ति के बाद कर्मियों के द्वारा उक्त राशि सरकारी कोष में जमा करानी होगी. उसके बाद ही उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जायेगी. सरकारी अंशदान और उसके ब्याज की राशि का समायोजन कर्मी को मिलनेवाली ग्रेच्युटी की राशि से भी किया जा सकेगा.

राज्य सरकार से दावा नहीं किया जायेगा :

यह शर्त है कि एनएसडीएल की ओर से सरकारी सेवकों के अंशदान की राशि किसी भी स्थिति में प्राप्त नहीं होने पर राज्य सरकार से दावा नहीं किया जायेगा. सरकारी सेवकों के द्वारा दिये गये विकल्प के आधार पर एक सितंबर 2022 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाना है. पुरानी पेंशन योजना का चयन करनेवाले कर्मचारियों के वेतन से अब 10 प्रतिशत मासिक अंशदान की कटौती नहीं होगी.

पहले यह कटौती नयी अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत हो रही थी. अब झारखंड सामान्य भविष्य निधि अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक मूल वेतन से कटौती की जायेगी. एनएसडीएल से सरकारी सेवकों का अंशदान और ब्याज मिल जाने पर मूल राशि और उसका ब्याज सरकारी सेवकों को दे दिया जायेगा. साथ ही कर्मियों को यह विकल्प दिया जायेगा कि वे मूल राशि को झारखंड सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा कर सकते हैं.

रिटायर या मृत्यु होने पर भी लाभ का होगा निर्धारण

एक दिसंबर 2004 से एक सितंबर 2022 तक के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के मामलों में भी पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप सरकारी सेवक या उनके परिवारों को लाभ मिलेगा. नयी पेंशन योजना में ही जिन कर्मियों की सेवानिवृति या मृत्यु हो गयी हो और उन्हें तथा उनके परिवार को सेवानिवृति लाभ मिल गया हो, तो ऐसे मामलों में पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप लाभ के निर्धारण के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा.

कैबिनेट ने एक सितंबर को दी थी सहमति

कैबिनेट ने एक सितंबर 2022 से राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने पर सहमति प्रदान कर दी है. इसके पहले 15 जुलाई को लिये गये फैसले में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्योर बनाने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया था़ कमेटी द्वारा तय एसओपी पर स्वीकृति प्रदान की गयी़ एक सितंबर से राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा. इस तिथि से कर्मियों के वेतन में की जानेवाली कटौती बंद हो जायेगी़

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