भागलपुर: जिले में बाढ़ का असर धीरे-धीरे कम होने लगा है. साथ ही बाढ़ से प्रभावित इलाकों में जल जनित व संक्रामक बीमारियों के बढ़ने की आशंका भी है. बाढ़ से घिरे इलाकों में कई लोगों के फ्लू, डायरिया, चर्मरोग, पीलिया, टाइफाइड, मलेरिया, निमोनियां व चमकी जैसी बीमारियों से ग्रसित होने की सूचना मिल रही है. वहीं, बाढ़ से जान बचाकर गांव से निकले कई लोग घायल भी हुए हैं.
बाढ़ पीड़ितों को आपातकाल में स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने जिला नियंत्रण कक्ष का संचालन शुरू कर दिया है. नियंत्रण कक्ष का नंबर 06412421074 है. नियंत्रण कक्ष के नोडल पदाधिकारी डॉ शम्स ने बताया कि सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा के निर्देश पर सदर अस्पताल व मायागंज अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है. नियंत्रण कक्ष समेत जिले के सभी सीएचसी में एंबुलेंस, दवाइयां, ओआरएस, पानी को शुद्ध करने के लिए हेलोजेन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर समेत सर्पदंश के इलाज के लिए स्नैक वेनम की व्यवस्था की गयी है. हर पंचायत व प्रखंड स्तर पर तीन शिफ्ट में चिकित्सकों व एएनएम समेत अन्य मेडिकल स्टाफ का रोस्टर जारी किया गया है.
सोमवार को मायागंज व सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज करने वाले डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि की. डॉक्टरों ने बताया कि बीते एक सप्ताह से बाढ़ से घिरे गांवों के लोग इन बीमारियों का इलाज कराने आ रहे हैं. सदर अस्पताल के डॉ आशीष रंजन ने बताया कि एलर्जी व चर्मरोग के मरीज बढ़ने लगे हैं. मरीजों को ज्यादातर दस्त के लिए मेट्रोनीडाजॉल, चर्म रोग के लिए म्यूकोनाजॉल, सर्दी व फीवर के लिए लिवो सिट्रिजिन व पारासिटामोल दवा दी जा रही है. आने वाले दिनों में जलजमाव के कारण मच्छरों से हाेने वाली बीमारी मलेरिया व डेंगू मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है. बदलते मौसम के कारण बीमार लोगों की संख्या और बढ़ेगी. दिन में गर्मी व रात में नमी से शरीर पर विपरित असर पड़ेगा.