बीजिंग : चीन के दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत की लुडिंग काउंटी में सोमवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया. बहरहाल, भूकंप से किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आया और भूकंप का केंद्र 29.59 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 102.08 डिग्री पूर्वी देशांतर से जमीन से 16 किलोमीटर की गहरायी में स्थित था.
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का केंद्र लुडिंग काउंटी से 39 किलोमीटर दूर स्थित था और भूकंप के केंद्र के पांच किलोमीटर के दायरे में कई गांव आते हैं. भूकंप के झटके सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदु में भी महसूस किए गए, जो भूकंप के केंद्र से 226 किलोमीटर दूर स्थित है. चीन के सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में चेंगदु में इमारतों को हिलता हुआ देखा जा सकता है. अभी किसी इमारत को नुकसान पहुंचने की जानकारी नहीं है. सिचुआन प्रांत तिब्बत के पड़ोस में स्थित है और भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है. इस प्रांत में 2008 में विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें करीब 90,000 लोगों की मौत हो गई थी.
हालांकि, यह जान लेना भी बेहद जरूरी है कि आखिर भूकंप क्यों आता है. धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं. इसमें इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट शामिल होते हैं. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं. ये टेक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती है, तो भूकंप महसूस होता है.
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भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है. इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है. अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है, तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है.