पटना. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम एक बार फिर शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक लंबे अंतराल के बाद अपने इस लोकप्रिय कार्यक्रम को शुरू की हैं. मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखने वालों का विश्वास भी अब इस कार्यक्रम को लेकर बढ़ता जा रहा है. इस कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि, सही आंकड़ा अभी मुख्यमंत्री कार्यालय के पास भी नहीं है. लेकिन हजारों की संख्या में लोग रजिस्ट्रेशन करा कर जनता दरबार आने का इंतजार कर रहे हैं.
2006 से 2016 तक 10 वर्षों में मुख्यमंत्री ने 241 जनता दरबार का कार्यक्रम किया था. जिसमें 277249 मामलों का मुख्यमंत्री ने निष्पादन किया था. उस मुकाबले पिछले साल 12 जुलाई से शुरू हुए जनता दरबार कार्यक्रम में एक चौथाई से भी कम लोगों की शिकायतें मुख्यमंत्री सुन रहे हैं. इसी कारण रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. बड़ी संख्या में लोग जनता दरबार में नहीं आने के कारण निराश होकर लौट जाते हैं.
12 जुलाई 2021 से जनता दरबार-2 की शुरुआत हुई है. जनता दरबार में कुछ इस प्रकार से लोग पहुंचे हैं. जिन की शिकायतें मुख्यमंत्री ने सुनी है. 12 जुलाई, 2021 को 146 लोगों की शिकायतें सुनी गई. 8 नवंबर, 2021 को 160 शिकायतें सीएम ने सुनी. 6 दिसंबर, 2021 को 200, 21 फरवरी, 2022 को 125, 11 अप्रैल, 2022 को 132, 18 अप्रैल, 2022 को 127, 9 मई, 2022 को 133, 6 जून, 2022 को 173 और 4 जुलाई 22 को 89 शिकायतें सीएम ने सुनी और 11 जुलाई 22 को 55 शिकायतें सुनी.
पिछले साल मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में ही जनता दरबार की शुरुआत की थी और कोरोना का इस पर असर साफ दिख रहा है. जहां पहले प्रतिदिन 1000 तक फरियादियों की शिकायत मुख्यमंत्री सुन लेते थे. कई सप्ताह तो 1000 से भी अधिक पहुंच जाता था लेकिन अब एक साल में मुख्यमंत्री 1500 के करीब ही कुल शिकायत सुन पाये हैं. कुछ की समस्या का समाधान हो पाया है, वहीं अधिकतर अब भी समस्या के समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं.
जिन्हें जनता दरबार में बुलाया जा रहा है, उनका पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जाता है और उनका वैक्सीनेशन भी किया जाता है. कोरोना जांच नेगेटिव आने के बाद ही उनकी एंट्री होती है. जिला प्रशासन अपने जिले से विशेष वाहन से जनता दरबार में लोगों को लाते हैं और उन्हें पहुंचाते भी हैं.