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Happy Teachers Day 2022: झारखंड की राजनीति की क्लास में भी अव्वल रहे हैं गुरुजी

आज 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस है. आज के ही दिन हर साल शिक्षक दिवस (Happy Teachers Day 2022) के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में झारखंड की राजनीति में भी कई ऐसा राजनेता हैं, जिन्होंने अपने प्रोफेशनल कैरियर की शुरुआत शिक्षक के रूप में की है. आइए जानते हैं उनके बारे में...

Happy Teachers Day 2022: झारखंड की राजनीति में भी कई ऐसा राजनेता हैं, जिन्होंने अपने प्रोफेशनल कैरियर की शुरुआत शिक्षक के रूप में की है. शिक्षक रहते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखा. सफल भी रहे. कई तो सत्ता के शीर्ष तक भी पहुंचे हैं. आज भी राजनीति में सक्रिय हैं. कई ऐसे शिक्षक भी हैं, जिन्होंने राजनीति का रुख तो किया लेकिन, वापस फिर शैक्षणिक कार्य से जुड़ गये. कई शिक्षकों ने राजनीति अपनाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली. कुछ शिक्षकों को सम्मान से राजनीति में लाया गया. डॉ रामदयाल मुंडा इन्हीं में से एक थे. यदुनाथ पांडेय, दिवाकर मिंज जैसे कई राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने सेवानिवृत्त तक शैक्षिणक कार्य किया. वहीं, कई अन्य शिक्षक हैं, जो आज भी झारखंड की राजनीित में सक्रिय हैं.

स्व रामदयाल मुंडा: यूपीए की सरकार में रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. रामदयाल मुंडा को राज्यसभा की सदस्यता दिलायी गयी. इससे पूर्व उन्होंने चुनावी राजनीति भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बावजूद वह सामाजिक और सांस्कृतिक के साथ-साथ शैक्षणिक कार्य करते रहे. यूपीए सरकार ने वर्ष 2007 में डॉ मुंडा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था.

बाबूलाल मरांडी: झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी अपने कैरियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी. उन्होंने गिरिडीह के प्राथमिक स्कूल में कई वर्षों तक शिक्षक के रूप में काम किया. सामाजिक कार्य में रुचि होने के कारण बाद में राजनीति का रुख किया. शिक्षण कार्य छोड़ कर सामाजिक कार्य अपनाया. केंद्र सरकार में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री रहे. राज्य गठन के बाद वह झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने.

स्टीफन मरांडी: झारखंड में उप मुख्यमंत्री रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रो स्टीफन मरांडी कई बार विधायक रहे हैं. वह सांसद भी रहे हैं. इसके अलावा वे झारखंड के उप मुख्यमंत्री भी रहे हैं. वह संताल परगना के कॉलेज में स्थायी शिक्षक हैं. राजनीति के साथ-साथ शैक्षणिक कार्य भी करते हैं. अभी श्री मरांडी महेशपुर से विधायक हैं.

दिनेश उरांव: झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दिनेश उरांव सिसई विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं. वह वर्तमान में भी शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. वह रांची विश्वविद्यालय के स्थायी शिक्षक हैं. वह िफलहाल मानव शास्त्र विभाग में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. पिछले 14 साल से वह काम कर रहे हैं. श्री उरांव पिछले विधानसभा में झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष थे.

रवींद्र राय: झारखंड के पूर्व मंत्री रहे रवींद्र राय भी राजनीति में सफल रहे हैं. श्री राय ने 1998 से 2000 तक शैक्षणिक कार्य किया है. इस दौरान कई बार लोकसभा और विधानसभा के प्रतिनिधित्व किया. जब-जब उन्होंने क्षेत्र का नेतृत्व नहीं किया, उस वक्त शैक्षणिक कार्य किया. कहा कि शुरुआती जीवन छात्र संघ का था. इस कारण शैक्षणिक कार्य करना उनको पसंद था.

इंदर सिंह नामधारी: पाकिस्तान में जन्मे इंदर सिंह नामधारी को राजनीति के सफल खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है. वे मंत्री, सांसद और झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं. वे संयुक्त बिहार में भी मंत्री रहे. उम्र के इस पड़ाव में वे राजनीति से दूर हो चुके हैं. श्री नामधारी ने बीआइटी सिंदरी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. वहीं, उन्होंने शैक्षणिक कार्य भी किया. उसके बाद वह राजनीति के क्षेत्र में आ गये.

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