MISSON-2024 : लोकसभा चुनाव 2024 में अब जबकि दो साल से भी कम समय बचा है. इसको लेकर बिहार की राजधानी पटना, विपक्षी दलों का राजनीति का ‘अखाड़ा’ बन गया है. जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar) बढ़त लेते दिख रहे हैं.
बता दें कि बिहार में सियासी उलटफेर होने के बाद यानी महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से पटना विपक्षी दलों का राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ है. हाल कि दिनों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्र शेखर राव ने बिहार का दौरा किया था. विपक्षी एकता बनाने के प्रयासों के तहत चंद्रशेखर राव ने सीएम नीतीश से मुलाकात की थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस दौरान यह भी कहा था कि ‘हम एक संयुक्त विपक्ष पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव में हम बीजेपी को हरा देंगे. ये भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी को लगभग 50 सीटों पर समेट देंगे’
इधर विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास में विपक्ष के प्रमुख वरीय नेताओं से मिलने के लिए सोमवार को नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर जाएंगे. संभावना जताई जा रही है नीतीश कुमार दिल्ली में राकांपा प्रमुख शरद पवार मुलाकात करेंगे. विपक्षी एकता की नीतीश कुमार की कोशिशों के बीच राज्य में सियासत एक बार फिर से गरमा गई है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो, इसका परिणाम जो भी आए. लेकिन फिलहाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष में सबसे प्रमुख चेहरे के तौर पर उभर रहे हैं.
इधर, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (LJPR National President Chirag Paswan) भी बीजेपी से खासे नराज हैं. हाल ही में चिराग ने बयान देते हुए कहा था कि 2025 में बिहार में विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी से गठबंधन को लेकर कहा कि मुझे गठबंधन करने की कोई जल्दी बाजी नहीं है. चुनाव के समय इस पर निर्णय लिया जाएगा कि वह किस से गठबंधन के साथ जाते हैं. वहीं, बीजेपी से बढ़ रही नजदीकियों को लेकर उनका कहना था कि ऐसा कौन सा बीजेपी ने काम किया है, जिससे उनकी नजदीकियां बढ़ेगी.
बिहार में सियासी उलटफेर होने के बाद से राज्य में बीजेपी फिलहाल अकेले ही सियासी मैदान में है. इससे पूर्व एनडीए के साथ मुकेश सहनी में बिहार सरकार में भागीदार रहे थे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बार-बार हमला करने के कारण बॉलीवुड के पूर्व सेट डिजाइनर सहनी से बीजेपी काफी नाराज थी. जिसके बाद बीजेपी ने वीआईपी के तीन विधायकों को पार्टी में शामिल करा लिया था. अब बिहार में बदले हालात के बाद बीजेपी छोटे दलों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है. जबकि मुकेश सहनी भगवा से नाराज चल रहे हैं.