Indian Railways News: धनबाद-डेहरी ऑन सोन इंटरसिटी एक्सप्रेस की एक कोच में शनिवार को धुआं निकलने से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गयी. धनबाद के गोमो स्टेशन पर यात्रियों ने बताया कि ट्रेन के तेतुलमारी से खुलते ही इंजन से दूसरे कोच के नीचे से धुआं निकलने लगा. इससे दुर्गंध आने लगी. ट्रेन के कुछ दूर आगे बढ़ते ही धुआं निकलना तेज हो गया. ट्रेन उसी हालत में गोमो तक पहुंची. ट्रेन की प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर रुकते ही यात्रियों में उतरने के लिए आपाधापी मच गयी. कोच बिल्कुल खाली हो गया. कोई यात्री भय से उस कोच में बैठने को तैयार नहीं था.
ट्रेन गोमो स्टेशन पर बीस मिनट रुकी रही
सूचना पाते ही कंट्रोल रूम में भी खलबली मच गयी. गोमो स्टेशन पर ऑन ड्यूटी कैरेज एंड वैगन विभाग के कर्मियों ने सूचना अपने इंचार्ज को दी. सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार कर्मियों के साथ पहुंच कर जांच की. जांच के दौरान ब्रेक बाइंडिंग में फॉल्ट पाया गया. कर्मियों ने ब्रेक बाइंडिंग की जगह पर ड्राई पाउडर का छिड़काव कर धुआं निकलना बंद किया. फिर ब्रेक ब्लॉक को चक्का से अलग किया. उसके बाद श्री कुमार ने कोच को आइसोलेट कर गंतव्य तक जाने के लिए फिट बताया. रेल कर्मियों के आश्वासन पर यात्री उक्त कोच पर चढ़े. इस घटना के कारण ट्रेन गोमो स्टेशन पर बीस मिनट रुकी रही.
दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थी ट्रेन
ट्रेन के पहिए में ब्रेक बाइंडिंग होने पर ब्रेक ब्लॉक पहिया से चिपक जाता है जिसे पहिया घूमना बंद कर देता है पहिया रेल पटरी पर घिसटाने लगता है. इस दौरान गंध निकलता है. जिससे पहिया तथा रेल पटरी क्षतिग्रस्त हो सकती है और ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण बन सकती थी.
स्टेशन मास्टर की झलकी लापवाही
कोई भी ट्रेन किसी स्टेशन से थ्रू पास करती है तो स्टेशन मास्टर उक्त ट्रेन के ड्राइवर तथा गार्ड को ऑलराइट सिग्नल देते हैं. इस दौरान स्टेशन मास्टर को पूरी ट्रेन पर नजर रखनी पड़ती है. अगर स्टेशन मास्टर को ट्रेन की किसी कोच में गड़बड़ी नजर आती है तो उसे तुरंत अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर को सूचना देना पड़ता है ताकि समय रहते हैं उक्त गड़बड़ी को दूर किया जा सके ट्रेन तेतुलमारी से खुलने के बाद निचीतपुर हाल्ट तथा मतारी स्टेशन से गुजरते हुए गोमो स्टेशन पहुंची. मतारी के स्टेशन मास्टर ने गोमो को उक्त मामले का जानकारी दिया लेकिन निचितपुर हाल्ट के स्टेशन मास्टर ने किसी प्रकार की सूचना देना मुनासिब नहीं समझा. अगर यह सूचना मतारी स्टेशन को समय पर मिल जाता तो ट्रेन को मतारी में रोक कर उक्त गड़बड़ी को दूर किया जा सकता था.
रिपोर्ट : वेंकटेश शर्मा, गोमो, धनबाद