कैमूर. जिले के बरसात के आरंभिक किल्लत से गुजर रही धान की खेती को पूर्वा नक्षत्र में हुई बारिश के बाद नया जीवन मिला है. शनिवार की दोपहर जिले में घनघोर बादलों ने गरज-तरज के साथ किसानों के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कुराहट लौटा दिया है. जिले में इस बार बारिश के घोर अभाव ने जहां धान के फसल की रोपनी पर ही प्रश्न चिह्न लगा दिया था. लेकिन, निजी साधनों और सिंचाई साधनों की बदौलत किसी तरह किसान ने धान की रोपनी काफी लेट होने के बाद भी किया. हालांकि, धान की रोपनी के बाद भी पटवन को लेकर किसान जद्दोजहद कर रहे थे. लेकिन, अगस्त माह में 26 और 27 तारीख को हुई अच्छी बरसात के बाद एक बार फिर धान की फसल पुराने रंगत में लौटने लगी.
जिले में धान की सोहनी ने रफ्तार पकड़ी. लेकिन सोहनी के बाद एक बार किसानों के सामने पटवन की समस्या गहराने लगी थी. लेकिन, शनिवार को पूर्वा नक्षत्र में जिले के विभिन्न भागों में अच्छी बरसात के बाद धान की फसल को नया जीवन मिला है. किसानों ने बताया कि इस बारिश से धान के फसल को भारी फायदा पहुंचा है. पौधे लहलहा जायेंगे. आरंभिक चरण में पौधे में लगने वाले रोग भी इस बारिश में धुल जायेंगे.
जिले में धान की सोहनी समाप्त
गौरतलब है कि शनिवार की दोपहर जिला मुख्यालय सहित कई प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में तेज हवा के साथ झमाझम भारी बारिश हुई. बारिश के बाद आसमान में काले बादलों का जमावड़ा बना हुआ था.वहीं, धान के कटोरा कैमूर में धान की सोहनी का काम भगवानपुर, चांद, चैनपुर, रामपुर, दुर्गावती आदि सहित कई प्रखंडों में लगभग समाप्त हो चुका है. हालांकि, 10 अगस्त के बाद कुछ प्रखंडों के कुछ इलाकों में रोपे गये खेतों में अभी सोहनी नहीं हो सकी है.
किसानों ने बताया कि यह बारिश बहुत मौके पर हुई है. सोहनी किये गये खेतों में पानी के अभाव में खाद का छिड़काव नहीं किया जा रहा था. लेकिन, इस अच्छी बारिश के बाद अब सोहनी किये गये खेतों में एक दो दिन के अंदर किसान खाद का छिड़काव कर लेंगे. इस टॉप ड्रेसिंग के बाद अगर हथिया नक्षत्र में भी इसी तरह की बारिश हो जाती है, तो धान की फसल की बालियां पुष्ट हो जायेंगी.