19 सितंबर से पूरे बिहार के रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन की रजिस्ट्री करने-कराने वाले के साथ पहचान के लिए सरकार निशुल्क बस की सुविधा मुहैया करायेगी. इसके लिए मध निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने हरी झंडी दे दी है. शनिवार को विभागीय अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राज्य भर के रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर इसकी तैयारी करने का आदेश दिया है. सभी प्रमंडल स्तरीय सहायक महानिरीक्षक निबंधन (एआइजी) को मॉनीटरिंग करने की जिम्मेदारी दी गयी है. बस परिवहन विभाग उपलब्ध करायेगा.
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से बस खुल कर सीधे ऑफिस तक पहुंचेगी. रजिस्ट्री के बाद लोगों के घरों तक भी बस पहुंचाने का काम करेगी. डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार को जिला पदाधिकारी व परिवहन पदाधिकारी से बात कर बस की व्यवस्था करने को कहा गया है. बिहार देश का पहला राज्य बनेगा, जहां जमीन के निबंधनार्थी के लिए मुफ्त में बस की सुविधा बहाल होगी. सरकार ने यह फैसला ऑफिस के अंदर से बिचौलियों को खत्म करने व मॉडल डीड से होने वाली रजिस्ट्री को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है.
मुजफ्फरपुर के पारू व कटरा मुफस्सिल कार्यालय में बस की सुविधा 07 सितंबर से ही शुरू होगी. इसके अलावा पटना के विक्रम व बाढ़ ऑफिस में भी बस सुविधा सात से ही शुरू होगी. इन चारों ऑफिस का सेलेक्शन विभाग की तरफ से पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया गया है. पारू व कटरा में बस संचालन के लिए रूट चार्ट भी तैयार कर लिया गया है. फिलहाल, दो-दो बसों की व्यवस्था दोनों ऑफिस की तरफ से चलाने के लिए रूट चार्ट तैयार किया गया है.
जमीन रजिस्ट्री की जो प्रक्रिया है, वह ऑनलाइन हो चुकी है. अभी स्टांप पेपर पर कातिब के माध्यम से जो दस्तावेज तैयार होता है, उसकी रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना पड़ता है. यह व्यवस्था कोरोना काल के दौरान ऑफिस में होने वाली भीड़ को खत्म करने के लिए शुरू की गयी थी. लेकिन, बढ़िया रिस्पांस मिलने के बाद इसे नियमित रूप से लागू कर दिया गया है. विभाग का मानना है कि बस सुविधा होने से ऑफिस के अंदर व बाहर से भ्रष्टाचार की जो शिकायतें मिलती हैं, इसमें कमी आयेगी. किसी से कोई जबरन जमीन रजिस्ट्री भी नहीं करा सकता है.