केरल की रेहाना शाहजहां ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से विश्व रिकोर्ड अपने नाम किया. कोट्टायम की रहने वाली रेहाना ने एक दिन में सबसे ज्यादा ऑनलाइन सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है. बता दें कि यह भारत की पहली महिला बन चुकी हैं, जिन्होंने पढ़ाई में ऐसा कीर्तिमान रचा है.
https://www.instagram.com/p/CfYPl2tJB5A/?igshid=YmMyMTA2M2Y=
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना कोई आसान काम नहीं है. ऐसे में रेहाना ने 24 घंटे के भीतर 81 ऑनलाइन स्टडी कोर्स कंप्लीट की है. रेहाना 25 साल की हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि अपनी पढ़ाई और परऑर्मेंस को बेहतर करने के लिए काफी सारे ऑनलाइन कोर्सेज किए थे. इससे पहले ये रिकॉर्ड 1 दिन में 75 ऑनलाइन कोर्सेज का था.
रेहाना ने मीडिया को बताया कि मेरी बहन दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रही थी, जब मैंने एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने का सपना देखा था. मैंने अपने स्नातकोत्तर के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया में एम कॉम प्रवेश की तैयारी की, लेकिन मुझे पहले प्रयास में सफलता नहीं मिल सकी और मैं केवल 0.5 अंक से पिछे रह गई थी. इसके बाद मैनें डिस्टेंस कोर्स के माध्यम से दो मास्टर्स डिग्री एक साथ करने का फैसला किया था. एक साल बाद, मैंने जामिया के एमबीए कोर्स में जगह बनाई थी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान 24 घंटे यानी एक दिन में 55 कोर्स किए थे. इस बारे में मैने दिल्ली स्थित एनजीओ वीमेंस मेनिफेस्टो की निदेशक डॉ शरनास मुथु को बताया था, जिन्होंने मुझे और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया था. उन्होंने मुझे विश्व रिकॉर्ड का प्रयास करने के लिए भी सुझाव दिए थे.
रेहाना ने बताया कि कोरोना काल के दौरान अपना एमबीए कोर्स पूरा किया था. इसके बाद, कॉलेज में कंपनियां प्लेसमेंट के लिए आती थे, तो वे पूछते थे कि हमने लॉकडाउन का कैसे उपयोग किया. उन्होंने बताया कि सामान्य लोग से खुद को अलग करने के लिए उन्होंने ऑनलाइन कोर्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया. ज्यादातर कोर्स डिजिटल मार्केटिंग और वित्त के थे.
रेहना ने रिकॉर्ड वाले दिन को याद करते हुए कहा कि मैंने सुबह 8 बजे शुरुआत की थी. और रात 11 बजे तक मुझे 66 प्रमाणपत्र मिले थे. विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए मुझे एक घंटे में नौ और पास करने थे. एक पल के लिए, मैंने सोचा कि मैं हार माननी चाहिए लेकिन फिर मैंने प्रमाणपत्र की गिनती बंद करने का फैसला किया. चूंकि प्रमाणपत्रों में केवल तारीख का उल्लेख होता है और कोई समय का कोई जिक्र नहीं होता है. इसलिए 12 बजे से पहले रिकॉर्ड तोड़ना पड़ा.