रांची: यूक्रेन-रूस युद्ध का असर राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के सीटीवीएस विभाग पर पड़ा है. सीटीवीएस विभाग में हार्ट की सर्जरी बंद है. आयुष्मान के तहत भर्ती 35 से अधिक मरीजों की सांसें अटकी हैं. यह समस्या हार्ट लंग मशीन में उपयोग होनेवाले ऑक्सीजनेटर मेंब्रेन की सप्लाई बाधित हाेने से हुई है. ऑक्सीजनेटर का संकट 25 किलो से ज्यादा वजनवाले मरीजों को हो रहा है, जबकि उससे नीचे वजन वाले मरीजों के लिए यह उपलब्ध है.
रिम्स में 19 किलो के बच्चे की हार्ट सर्जरी का प्लान डॉक्टरों ने किया है. इधर, सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनीत महाजन ने रिम्स अधीक्षक को गुरुवार को ऑक्सीजनेटर की उपलब्धता नहीं होने और ऑपरेशन बंद होने की जानकारी दे दी है. उम्मीद जतायी जा रही है कि पांच से छह दिनों में ऑक्सीजनेटर उपलब्ध हो जायेगी. विशेषज्ञों का कहना है कि ऑक्सीजनेटर की कालाबाजारी भी हाे रही है. 35 से 40 हजार रुपये अधिक कीमत में निजी अस्पतालाें को ऑक्सीजनेटर उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे वहां ऑपरेशन हो रहा है.
आयुष्मान के तहत 15 से 17 हजार में उपलब्ध कराते हैं सप्लायर : आयुष्मान के तहत रिम्स में भर्ती मरीजों को सप्लायर 15 से 17 हजार में ऑक्सीजनेटर उपलब्ध कराते हैं. ऐसे में अधिक कीमत में उपलब्ध होने पर सप्लायर इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं आयुष्मान सप्लायर का पेमेंट रिम्स द्वारा एक से दो साल में किया जाता है, इसलिए भी सप्लायर रुचि नहीं दिखा रहे हैं. हार्ट लंग मशीन में होता है ऑक्सीजनेटर का उपयोग, ऑपरेशन के दौरान हार्ट बंद होने पर करती है सहायता
सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष ने पत्र लिखकर ऑक्सीजनेटर की उपलब्धता नहीं होने के कारण हार्ट सर्जरी बंद होने की जानकारी दी है. पत्र में उन्होंने यूक्रेन-रुस युद्ध का कारण बताया है, जिससे देश के बड़े अस्पतालों में भी समस्या होने का उल्लेख किया गया है. प्रशासनिक स्तर से भी प्रयास किया जा रहा है कि उपकरण शीघ्र उपलब्ध हो जाये.
डॉ हिरेंद्र बिरुआ, अधीक्षक रिम्स