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Explainer: कांग्रेस के आंतरिक चुनाव पर पार्टी के ही नेता उठा रहे हैं सवाल, कैसे चुने जाते हैं अध्यक्ष

आज आप जिसे कांग्रेस के नाम से जानते हैं, वह कई विभिन्न समितियों से मिलकर बनी है. इसका असली नाम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) है.

नई दिल्ली : अक्टूबर में कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव होना है. इसका अगला अध्यक्ष कौन होगा, गांधी परिवार से होगा या फिर कांग्रेस की बागडोर कोई गैर-गांधी परिवार का नेता थामेगा, इस पर भी संशय बरकरार है. कांग्रेस की नीतियों और इसके सांगठनिक चुनाव पर पहले भाजपा के नेता सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन अब अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर पार्टी के अंदर ही बवाल मचा हुआ है. इसी सप्ताह सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की ऑनलाइन बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संगठन के अंतरिम सोनिया गांधी के सामने सवाल खड़े कर दिए, तो बुधवार एक अन्य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी आनंद शर्मा के सुर में सुर मिला दिए. अब जब कांग्रेस के आंतरिक चुनाव पर सवालों पर सवाल उठ रहे हैं, तो एक सवाल और उठता है कि आखिर कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव कैसे होता है? आइए, आज हम कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया के बारे में जानते हैं…

पहले कांग्रेस के बारे में जानें

आज आप जिसे कांग्रेस के नाम से जानते हैं, वह कई विभिन्न समितियों से मिलकर बनी है. इसका असली नाम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) है. एसआईसीसी की जो प्रमुख समितियां हैं, उनमें कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी), प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी), जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) और प्रखंड कांग्रेस कमेटी (बीसीसी) शामिल हैं. पूरे भारत भर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के करीब 1500 सदस्य हैं. ये सदस्य कांग्रेस कार्य समिति के 24 सदस्यों को निर्वाचित करते हैं. इसके साथ ही, देश में कांग्रेस की करीब 30 प्रदेश कमेटी हैं. पांच केंद्र शासित प्रदेशों में भी कांग्रेस की कमेटी है, जिनमें करीब 9000 से अधिक सदस्य हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष का कौन कराता है चुनाव

कांग्रेस के आंतरिक चुनाव के तहत पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) का गठन कर सदस्यों की नियुक्ति की जाती है. कांग्रेस कार्य समिति की ओर से केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का गठन किया जाता है. केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण में पदेन पांच सदस्य होते हैं और इन्हीं में से किसी एक को इसका अध्यक्ष बनाया जाता है. इस समय कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री हैं. इस चुनाव प्राधिकरण का कार्यकाल तीन साल का होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के सदस्य पार्टी में कोई दूसरा पद ग्रहण नहीं कर सकेंगे. इसी चुनाव प्राधिकरण की जिम्मेदारी कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव कराने की है.

कैसे होता है चुनाव

एआईसीसी का कोई भी सदस्य कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी बन सकता है. अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के पास प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कम से कम 10 सदस्यों का समर्थन प्राप्त होना आवश्यक है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इन समर्थकों को प्रस्तावक भी कहा जाता है. कांग्रेस के संविधान के अनुसार, अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सबसे पहले एक रिटर्निंग अफसर नियुक्त किया जाता है. केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा रिटर्निंग अफसर की नियुक्ति की जाती है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी से 10 सदस्यों का समर्थन प्राप्त करने के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने वाले एआईसीसी के सदस्यों का नाम एक निर्धारित तिथि तक मतदान अधिकारी के सामने रखा जाता है. अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले सदस्य चाहें, तो सात दिन के अंदर अपना नाम वापस ले सकते हैं. अगर नाम वापस लेने के बाद अध्यक्ष पद के लिए केवल एक ही उम्मीदवार रहता है, तो उसे अध्यक्ष मान लिया जाता है.

दो या दो से अधिक उम्मीदवार होने पर क्या होगा

इसके साथ ही, कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दो या दो से अधिक उम्मीदवार मैदान में डटे रह जाते हैं, तो रिटर्निंग अफसर उन प्रत्याशियों के नाम को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास भेज देते हैं. मतदान वाले दिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी सदस्य हिस्सा लेते हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राज्य मुख्यालय में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराया जाता है. अगर अध्यक्ष पद की दौड़ में दो उम्मीदवार हैं, तो मतदान करने वाले सदस्य किसी एक का नाम लिखकर बैलेट बॉक्स में डाल देते हें. अगर अध्यक्ष पद की दौड़ में दो से अधिक प्रत्याशी हैं, तो मतदाता कम से कम अपनी पहली दो वरीयता 1 और 2 नंबर के जरिए लिखते हैं. दो से कम वरीयता वाले बैलेट पेपर को रद्द कर दिया जाता है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में मतदान कराए जाने के बाद मतपेटी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में भेज दिया जाता है, जहां मतों की गिनती की जाती है.

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कैसे होती है मतगणना

मतदान कराने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मतपेटी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में भेजे जाने के बाद रिटर्निंग अफसर की उपस्थिति में मतगणना शुरू की जाती है. इसके तहत सबसे पहले पहली वरीयता वाले मतपत्रों की गिनती की जाती है. जिस प्रत्याशी को 50 फीसदी से अधिक वोट मिलता है, उसे कांग्रेस का अध्यक्ष घोषित कर दिया जाता है. अगर किसी को प्रथम वरीयता में 50 फीसदी से अधिक वोट नहीं मिलता है, उसका नाम सूची से हटा दिया जाता है. इसके बाद ‘एलिमिनेशन’ के जरिए अध्यक्ष पद का चुनाव किया जाता है. सबसे आखिर में जिस प्रत्याशी के पास अधिक वोट बचता है, उसे अध्यक्ष घोषित कर दिया जाता है.

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