दुमका : दुमका की छात्रा अंकिता को पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जलाने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया और उसे पीआइएल में तब्दील कर दिया. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने डीजीपी को अंकिता के परिजनों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. साथ ही जल्द चार्जशीट दायर करने को कहा है.
हाइकोर्ट ने कहा कि यह अमानवीय घटना है और वह इस मामले की स्वयं मॉनिटरिंग करेगा. अधिकारियों को पीड़िता की जिंदगी बचाने के लिए और तेजी से कदम उठाना चाहिए था. कोर्ट ने पूछा कि अंकिता को इलाज के लिए रिम्स लाने में जो समय बर्बाद हुआ, उस दौरान देवघर एम्स में इलाज क्यों नहीं कराया गया? इस बिंदु पर केंद्र को जवाब दायर करने का निर्देश दिया गया. राज्य सरकार को भी जवाब देने को कहा. अगली सुनवाई नौ सितंबर को होगी. खंडपीठ के निर्देश पर डीजीपी नीरज सिन्हा सशरीर उपस्थित हुए.
अंकिता हत्याकांड मामले के दो आरोपी शाहरुख हुसैन व उसके सहयोगी मो नईम को जेल भेजा जा चुका है. एसपी अंबर लकड़ा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है. टीम को निर्देश दिया गया है कि वह अनुसंधान कर कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित करे. स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट में आवेदन सौंपे.
फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री और फिंगर प्रिंट ब्यूरो के एक्सपर्ट भी दुमका पहुंचे हैं. सीआइडी डीएसपी संदीप के नेतृत्व में पहुंची इस टीम ने बारीकी से सैंपल कलेक्ट किया. इस टीम ने धुएं के कारण दीवारों पर जमा कालिख, जले कपड़े, पर्दे सहित अन्य सैंपल की जांच की. उस कमरे की खिड़कियों को देखा, जहां अंकिता सोयी थी.
सरकार के निर्देश पर एडीजी (मुख्यालय) मुरारी लाल मीणा और सीआइडी आइजी असीम विक्रांत मिंज दुमका में कैंप कर रहे हैं. सोमवार को दुमका पहुंचने के बाद वे अंकिता के घर गये थे.