पटना. बिहार के लिए सबसे सुखद बात यह है कि 2021 में यहां अपराध का ग्राफ गिरा है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक ताजा रिपोर्टमें कहा गया है कि एक लाख की आबादी पर दर्ज होने वाले कांड के आधार पर तय होने वाली अपराध दर का राष्ट्रीय औसत 268.0 है, बिहार में यह 150.4 है. पड़ोसी राज्य यूपी, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, आसाम, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना में अपराध दर ज्यादा है. आइपीसी में दर्ज कांड में बिहार का स्थान सातवां है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट बता रही है कि बिहार के लोग आपदा में भी फौलादी जिगर रखते हैं. देशभर में 2021 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 5,318 किसानों और 5,563 खेत मजदूरों ने आत्महत्या की थी. बिहार में किसान अथवा खेतिहर मजूदर ने अपनी जान नहीं दी. विकसित कहे जाने वाले राज्य महाराष्ट्र में 37.3 प्रतिशत और कर्नाटक में 19.9 प्रतिशत ने आत्महत्या की. 2021 में पूरा देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा था. भारत में प्रति एक लाख लोगों में आत्महत्या की दर 12 है. सूची में बिहार सबसे नीचे हैं. बिहार में आत्महत्या की दर 0.7 फीसदी है, जो देश में सबसे कम है. केरल में सबसे अधिक प्रतिदिन 26.9 लोग आत्महत्या करते है.
बाइक चोरी में बिहार दूसरे नंबर पर है. 2021 में 25, 606 बाइकों की चेारी हुई. पहले नंबर वाले महाराष्ट्र है, जहां पिछले साल 27,740 बाइक चोरी की घटनाएं दर्ज हुईं.
बिहार में जमीन विवाद उच्चतर स्तर पर हैं. ऐसी 3336 घटनाओं के कारण बिहार पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर रहे महाराष्ट्र में बिहार की तुलना में जमीन से जुड़ी आधी से भी कम घटनाएं हुईं.
एनसीआरबी 2021 के मुताबिक बिहार में 29.5 फीसदी मामले फर्जी दर्ज कराये जा रहे हैं. 70.5 आपराधिक कांड में ही पुलिस आरोप पत्र दायर कर रही है. बाकी मामलों में वह फाइनल रिपोर्ट लगा दे रही है. सामान्यत: धारणा है कि पुलिस फाइनल रिपोर्ट उसी कांड में लगाती है, जो जांच में सत्य नहीं पाया जाता है.
वर्ष 2021 में पूरे देश में हत्या की सबसे अधिक घटनाएं यूपी और बिहार में हुईं. यूपी में 3717 और बिहार में 2799 कांड दर्ज हैं. तीसरे-चौथे नंबर पर क्रमश: महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश हैं. चेारी में बिहार तीसरे नंबर पर है. यहां पिछले साल 38,277 चोरियां हुईं. इससे ऊपर यूपी (40,944 कांड) है.
पिछले साल देश के 19 शहरों में से दिल्ली में दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले आये, जबकि सबसे कम मामले कोलकाता में दर्ज हुए हैं. एनसीआरबी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में पिछले वर्ष 19 महानगरों में से कोलकाता में में दुष्कर्म के सिर्फ 11 मामले थे, वहीं दिल्ली में सबसे ज्यादा 1,226 केस दर्ज हुए. जयपुर में 502, वहीं मुंबई में दुष्कर्म के 364 मामले दर्जकिये गये. पटना में ऐसे मामलों की संख्या 30 रही.