Jharkhand News : जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन की ड्रॉपिंग लाइन को रेल प्रशासन ने आखिरकार पार्किंग ठेकेदार के हवाले कर दिया है. यहां दोनों ओर ड्रॉप गेट के साथ बूथ बना दिया गया है. ठेकेदार के कर्मचारी पर्ची काटकर किसी भी वाहन को भीतर जाने देंगे. उसके बाद पर्ची में समय देखकर ही यात्रियों को ड्रॉपिंग लेन से बाहर जाने दिया जायेगा. पांच मिनट का समय वाहनों के लिए नि:शुल्क रखा है. यानी ड्रॉपिंग लाइन में पांच मिनट से अधिक समय होने पर लोगों को पैसे का भुगतान करना होगा. नयी व्यवस्था जल्द ही शुरू की जायेगी.
टाटानगर स्टेशन परिसर का ड्रॉपिंग लाइन हमेशा से नि:शुल्क रहा है. यह नो-पार्किंग जोन है जिसकी व्यवस्था आरपीएफ और जीआरपी को देखनी हैं. बीते दिनों सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक ने एक आदेश जारी कर इस लेन में पर्ची काटने का अधिकार पार्किंग ठेकेदार को दे दिया है. 500 मीटर लंबे लेने में सामान्य स्थिति में भी परिजनों को उतारकर पांच मिनट में बाहर निकल जाना किसी भी स्थिति में संभव नहीं है. अगर व्यस्त समय रहा और जाम की स्थिति बनी तो सामने वाले वाहन के कारण पीछे के वाहन नहीं निकल सकेंगे और उन्हें भी इस नियम में फंसकर पैसे देने होंगे. इसे लेकर हंगामा संभव हैं. ड्राॅपिंग में पांच मिनट के समय की व्यावहारिकता पर सवाल उठाये जाने पर एसीएम विनीत कुमार ने इसकी समीक्षा करने की बात कही थी जो अब तक नहीं किया गया. मंडल रेल सलाहकार समिति के सदस्य एसके मिश्रा ने पूरी व्यवस्था को पार्किंग ठेकेदार को उपकृत करने वाला बताया है. उन्होंने डीआरएम से इस आदेश की समीक्षा करने का अनुरोध किया है.
रेलवे स्टेशन परिसर यात्रियों की सुविधा के लिए मेन रोड से प्रवेश का बनाया गया रास्ता कोरोना के बाद से ही बंद रखा गया है. एसीएम विनीत कुमार और सीनियर डीसीएम ने भी पार्किंग लेने के इस रास्ते को खोलने की बात कही थी लेकिन एक सप्ताह बाद भी इसे नहीं खोला गया है. इस रास्ते को खोल देने से स्टेशन के ड्रॉपिंग लाइन से भी दबाव कम होगा और हजारों यात्रियों को स्टेशन जाने में आसानी होगी. इससे परिसर में जाम भी नहीं लगेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra