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Karnataka: ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव पर विवाद, SC ने कहा- तीन जजों की खंडपीठ करेगा फैसला

यह मामला कर्नाटक के बेंगलुरु के चामराजपेट स्थित ईदगाह मैदान का है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मैदान में गणेश उत्सव मनाने की बीते दिन अनुमति दी थी. इस फैसले को चुनौती देते हुए वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि ईदगाह की जमीन 100 साल से हमारे पास है.

Karnataka: बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने पर अनुमति को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में की गई. इस मामले की सुनवाई करते हुए दो जजों की बेंच के बीच सहमति नहीं बन पाई है. उसके बाद बेंच ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित को रेफर कर दिया है. जस्टिस यूयू ललित ने इस मामले को जस्टिस इंदिरा बनर्जी, एएस ओका और एमएम सुंदरेश की तीन न्यायाधीशों की पीठ के भेज दिया है. इसकी सुनवाई आज शाम 4:35 बजे होगी. दरअसल, सरकार द्वारा ईदगाह मैदान में गणेश पूजा की अनुमति के खिलाफ कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने चुनौती दी थी.


जानें क्या है पूरा मामला

यह मामला कर्नाटक के बेंगलुरु के चामराजपेट स्थित ईदगाह मैदान का है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मैदान में गणेश उत्सव मनाने की बीते दिन अनुमति दी थी. इस फैसले को चुनौती देते हुए वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि ईदगाह की जमीन 100 साल से हमारे पास है. इसलिए गणेश पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति

बताते चले कि हुबली-धारवाड़ नगर निगम(एचडीएमसी) ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला लिया गया था. हुबली-धारवाड़ के महापौर इरेश अचंतगेरी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ चली लंबी बैठक के बाद सोमवार देर रात इस फैसले की घोषणा की थी. उन्होंने बताया कि यह फैसला नगर निकाय द्वारा इस मुद्दे पर गठित सदन की समिति की अनुशंसा पर लिया गया. महापौर ने कहा, सदन की समिति ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद गणेश उत्सव की अनुमति देने की अनुशंसा की थी.

पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले

इस उत्सव को अनुमति देने के पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे. महापौर ने बताया कि समिति की रिपोर्ट और विस्तृत चर्चा के बाद तीन दिन के लिए गणेश उत्सव की अनुमति देने का फैसला किया गया है. महापौर ने बताया कि छह संगठनों ने गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनमुति मांगी थी, जिनमें से एक को चुना गया और बाकी से सद्भावनपूर्वक तरीके से उत्सव मनाने में सहयोग करने का अनुरोध किया गया.

जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा 

अधिकाारियों ने बताया कि एक विवाद के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मुस्लिम समुदाय को इस मैदान में साल में केवल दो बार नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाती है और नगर निगम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर वहां राष्ट्र ध्वज फहराता है. हालांकि कोर्ट में अब भी सुनवाई जारी है.

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