रांची : झारखंड में ‘बाबा साहब भीमराव आंबेडकर आवास योजना’ का लाभ लेने के लिए पात्र लाभुकों को अब आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होगी. अंचल पदाधिकारी की सत्यापित रिपोर्ट के आधार पर लाभुक के लिए आवास योजना को स्वीकृति दे दी जायेगी. रांची के उपविकास आयुक्त विशाल सागर ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस आशय के निर्देश जारी किये हैं.
प्रभात खबर ने 22 अगस्त के अंक में ‘शर्त ऐसी कि योग्य परिवारों को भी नहीं मिल पा रहा आंबेडकर आवास योजना का लाभ’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. इसमें बताया गया था कि उक्त आवास योजना का लाभ लेने के लिए पात्र लाभुक को 60 हजार रुपये सालाना का आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की शर्त रखी गयी है. लेकिन, तकनीकी कारणों से उक्त राशि का आय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है.
प्रज्ञा केंद्रों के जरिये सामान्य स्थिति में 90 हजार रुपये तक का ही आय प्रमाण पत्र बन रहा है. जबकि, विशेष परिस्थितियों में न्यूनतम 70 हजार रुपये सालाना तक का आय प्रमाण पत्र बनाया जाता है. इसके लिए भी कारण सहित जरूरी दस्तावेज अपलोड करने पड़ते हैं. ऐसे में योग्य परिवारों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
वहीं दूसरी ओर योजना में पारदर्शिता आयेगी. लोगों को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी. साथ ही लाभुकों को कार्यालय का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा.
उपविकास आयुक्त द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि पात्र लाभुकों की सूची को संबंधित अंचल पदाधिकारी को उपलब्ध करायें. साथ ही उनसे सत्यापित करा लें कि सभी प्रस्तावित लाभुकों की मासिक आय 5000 रुपये से कम है. सत्यापन के बाद ही आवास स्वीकृति का प्रस्ताव जिला को भेजा जाये.
आंबेडकर आवास योजना का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर उन परिवारों को दिया जाना है, जिनकी मुखिया विधवा हैं और उनकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है. इसके अलावा परिवार के पास एक कमरे का कच्चा मकान हो और वे खुद से पक्का मकान बनाने पाने में सक्षम नहीं हैं. लाभुक परिवार की मासिक आय 5000 रुपये से कम होनी चाहिए.