UP Weather Update: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में आज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. बारिश का यह सिलसिला 3 सितंबर तक जारी रहने का अनुमान है. इस दौरान मध्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में बारिश का अनुमान है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान मुताबिक, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, संतकबीरनगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, जौनपुर, आजमगढ़, संत रविदास नगर, मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली के अलग-अलग इलाकों में दो से तीन दिन तक हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है.
इधर, पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश का असर यूपी में दिखने लगा है. राज्य में गंगा समेत अलग-अलग नदियों में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है. वाराणसी में गंगा नदी का उफान जारी है. गंगा नदी का जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है. काशीवासियों को मां गंगा अब डराने लगी हैं. वाराणसी में गंगा की उफनाई लहरें काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में प्रवेश कर गईं. जलासेन पथ के रास्ते धाम में गंगा की लहरें घुसने के बाद पूरा रैंप पानी में डूब गया.
दूसरी तरफ गंगा ने अस्सी घाट को पूरी तरह से डूबो दिया है. वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह डूब चुका है. तटवर्ती करीब दर्जनभर मोहल्ले में लोग राहत शिविर में शरण लिये हैं. ढाब व गोमती के पास के इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गईं हैं. वर्तमान में अस्सी से नगवां वाली सड़क पर नावें चल रही हैं. गंगा में आई बाढ़ से करीब दो लाख लोगों पर असर पड़ेगा. अभी तक काशी में बाढ़ से करीब 20 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं. 10 हजार से ज्यादा लोग अपने घर को छोड़कर जा चुके हैं.
केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर है. गंगा में बढ़ाव की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा बनी हुई है. जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. गंगा में बाढ़ की वजह से प्रशासन ने नाव चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में नाविक समाज के लोग खाली बैठे हैं. घाट के किनारे दुकान लगाने वाले चुनरी, प्रसाद, फूलमाला बेचने वाले करीब एक हजार से ज्यादा दुकानें गंगा में जलमग्न हो गई हैं.