बिहार में एक ओर जहां सुखाड़ है वहीं दूसरी ओर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इधर, अररिया में शनिवार की देर शाम से शुरू हुई बारिश रविवार को भी होती रही. झमाझम बारिश से खेतों में पानी भर गया. पानी बिना सूखने के कगार पर पहुंची धान की फसल लहलहा उठी. किसानों के मुरझाए चेहरे भी अब खिल उठे हैं. धान की मुरझा रही फसल के लिए मानों आसमान से अमृत बरसा हो. किसानों का कहना है कि शनिवार देर संध्या से हो रही लगातार बारिश से हमलोग खुश हैं. इस तरह बारिश होती रही तो इस बार किसान धान की खेती को मजबूती से करेंगे.
रविवार को हुई झमाझम बारिश से किसानो के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है. वहीं भारी बारिश के कारण भरगामा प्रखंड क्षेत्र पानी पानी हो गया. कुछ दिनों से पड़ रही गर्मी के बाद हुए मुसलाधार बारिश ने धान की फसलों को लाभ पहुंचाया है. वहीं खेतों में पानी लगने के बाद किसान यूरिया व अन्य खाद की खरीद को लेकर परेशान हैं. बारिश के बाद किसान सीताराम मिश्र, बालकृष्ण झा, बबुवा राम सरदार, दयानंद चौधरी, महावीर यादव, सुरेश राम, श्याम लाल साह, निजामुद्दीन, मो खुर्शीद अनवर, जमाल आदि ने बताया कि रविवार सुबह झमाझम बारिश होने से अब हम लोगों की उम्मीद जगी है कि धान की फसल अब कुछ न कुछ उपज आ जायेगा. अगर बारिश नहीं होती तो हम किसानों के धान की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया था.