छपरा. एनटीपीसी की छह यूनिट बंद होने का असर सारण जिले में भी देखने को मिल रहा है. सारण की बिजली आपूर्ति में 40 से 50 फीसदी की कटौती कर दी गयी है. ऐसे में जिले में त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. भीषण गर्मी में बिजली नहीं रहने की वजह से रात की नींद और दिन का चैन खत्म हो गया है. बिजली कंपनी के अधिकारियों की माने तो यह संकट कुछ और दिन तक बरकरार रह सकता है.
पूरे बिहार में बिजली की भारी किल्लत हो गयी है. इसका सबसे बड़ा कारण एनटीपीसी का एक साथ छह यूनिट का ठप होना है. शुक्रवार से ही बिजली में कटौती हो रही है. जरूरत से 40 से 50 मेगावाट तक कम बिजली मिली. इस कारण सभी सब स्टेशनों को लोडशेडिंग में रखना पड रहा है. शहर से लेकर गांव तक घंटों बिजली गुल रह रही है. शहरों में चार से पांच घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 10 घंटे तक कटौती हो रही है.
अधिकारियों ने बताया कि यह स्टेट लेवल का मामला है. जानकारी अभी मिल रही है कि निजी कंपनियों के पास कोयले का संकट उत्पन्न हो गया है. इसका असर उत्पादन पर हुआ. राज्य सरकार ने खुले बाजार से बिजली खरीदने का भरसक प्रयास कर रही है. कंपनी अधिकारियों के अनुसार खुले बाजार में बिजली की दर 12 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गयी. बिजली कंपनी ने इस दर पर भी बिजली लेने की कोशिश की पर सफलता हाथ नहीं लगी. बाजार में अधिक बोली लगाने के बावजूद बिहार को बिजली नहीं मिल सकी. नतीजतन जो बिजली मिली, उससे ही कंपनी को काम चलाना पड़ रहा है.
सारण के अधीक्षण अभियंता रितेश कुमार ने बताया कि बिजली संकट जल्द ही ठीक हो जायेगी. एनटीपीसी से पूरे बिहार में बिजली कटौती की गयी है. इसका प्रभाव पूरे सारण पर पड़ा है. पिक आवर में ज्यादा परेशानी हो रही है.