Explainer: देश के कई राज्यों में बच्चों के बीच टोमेटो फ्लू (Tomato Flu) का खतरा बढ़ गया है. इसी के मद्देनजर बीते दिनों केंद्र सरकार ने इस बीमारी के मद्देनजर राज्य सरकारों को एहतियाती उपायों का पालन करने का निर्देश दिया है. केंद्र ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस वायरल रोग के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है. यह रोग हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का एक स्वरूप प्रतीत होता है. यह मुख्य रूप से कम आयु के बच्चों में होता है, लेकिन वयस्क भी इसके शिकार हो सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि केरल में टमाटर फ्लू का पहला मामला 6 मई को सामने आया था. भारत में अब तक 80 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. केरल के अलावा तमिलनाडु और ओडिशा में भी टोमेटो फ्लू के मामलों का पता चला है. संक्रमितों में अधिकांश पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं, जिनमें उच्च तापमान, जोड़ों में तेज दर्द और दाने सहित अन्य लक्षण मिले हैं. इस बीमारी में शरीर पर लाल रंग के छाले या फफोले हो जाते हैं जिनमें दर्द होता है, इसलिए इसे टोमेटो फ्लू कहा गया.
अध्ययन के अनुसार यूं तो यह बीमारी जानलेवा नहीं है, लेकिन कोविड-19 महामारी के खतरनाक अनुभव को देखते हुए इसके प्रकोप को रोकने के लिए सतर्कता के साथ प्रबंधन जरूरी है. इस वायरस में कोविड की तरह ही बुखार, थकान, शरीर में दर्द और चकत्ते जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं. हालांकि, बच्चे अस्वस्थ हो सकते हैं. लेकिन, अभी तक किसी गंभीर बीमारी या मौत की सूचना नहीं मिली है. हर कोई ठीक होता दिख रहा है.
इस बीमारी को लेकर हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों को टोमैटो फ्लू के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस उम्र में वायरल संक्रमण काफी जल्दी बच्चों पर हावी हो जाते हैं. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. विशेष रूप से टोमैटो फ्लू अधिक संक्रामक होने के बावजूद भी जान के लिए जोखिम पैदा नहीं करता.
टोमैटो फ्लू वाले बच्चों में देखे जाने वाले प्राथमिक लक्षण चिकनगुनिया या डेंगू बुखार के समान होते हैं. लक्षणों में तेज बुखार, चकत्ते, जोड़ों में सूजन, मतली, दस्त, डिहाइड्रेशन, जोड़ों में तेज दर्द शामिल हैं. अन्य लक्षणों शरीर दर्द, बुखार और थकान भी है जो कि कोविड-19 मरीजों द्वारा भी अनुभव किए गए थे. कुछ मामलों में मरीजों के स्किन पर फफोलों का आकार काफी बढ़ गया था.
टोमैटो फ्लू का विशेष कारण जानने के लिए वैज्ञानिक अभी भी शोध कर रहे हैं. लेकिन, अभी इसे वायरल संक्रमण का एक रूप माना जा रहा है. कुछ ने यह भी सुझाव दिया है कि यह डेंगू या चिकनगुनिया का दुष्प्रभाव हो सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसका सोर्स एक वायरस है, लेकिन अभी तक इस बारे में जानकारी सामने नहीं आई है कि यह किस वायरस के कारण फैल रहा है या किस वायरस से संबंधित है?
डॉक्टर टोमैटो फ्लू से बचे रहने के लिए सफाई से रहने की सलाह देते हैं. यह वायरस पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अधिक संवेदनशील माना जा रहा है. अगर किसी भी बच्चे में इस फ्लू से जुड़े कोई लक्षण नजर आता हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. जो बच्चे या लोग संक्रमित हो गए हैं उन्हें फफोले को फोड़ने और खरोंचने से बचना चाहिए. पानी का अधिक सेवन करने की सलाह दी जा रही है.
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