India China Border Dispute: भारत और चीन के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है. सीमावर्ती इलाकों में चीन की ओर से की जाने वाली नापाक हरकतें इसकी सबसे बड़ी वजह बताई जाती है. बता दें कि दो वर्ष पहले गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद तल्ख हैं. इन सबके बीच, अरुणाचल प्रदेश में चीन की हिमाकत फिर देखने को मिली है. वहीं, भारत ने भी चीन की हरकतों का मुंह तोड़ जवाब देने का मन बना लिया है. इसी कड़ी में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत ने गांव बसाने की प्लानिंग की है.
अरुणाचल प्रदेश के अनजाव जिले में स्थानीय लोगों ने अपने फोन से सीमा पर चीनी सेना की कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को कैद किया है. कंस्ट्रक्शन गतिविधियों का यह वीडियो 11 अगस्त को रिकॉर्ड किया गया है. यहां के हाडिगारा-डेल्टा 6 पर भारी मशीनों को काम करते हुए पाया गया है. चागलाम के बारे में सूत्रों ने बताया कि यहां एक आम आदमी को पहुंचने में करीब 4 दिन का वक्त लगता है. भारत-चीन सीमा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के पास चागलाम भारत की आखिरी एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट है.
चीन सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में स्थित काहो को भारत का पहला गांव माना जाता है. काहो में भारत सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने और मॉडल गांव तैयार करने के लिए काम कर रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने बातचीत में कहा कि भारत की तरफ से यह आखिरी गांव है और चीन की तरफ से पहला. वैसे तो इधर 116 लोग रहते हैं, लेकिन कुछ लोग बाहर चले गए हैं इसलिए यह संख्या थोड़ी कम हो गई है. यहां पर्यटक आ रहे हैं. होम स्टे है, लेकिन थोड़ा महंगा है. सड़क अच्छी होने की वजह से सामान लाने में दिक्कत नहीं होती है. स्थानीय ने बताया कि हम 16 घरों में 79 लोग रहते हैं. सरकार ने सड़क बनवाई है, जिससे काफी मदद मिली है. हमारे भारतीय सेना से अच्छे रिश्ते हैं. 1962 में वे नहीं होते तो शायद हम यहां नहीं होते. भारतीय फौजी हमें मेडिकल आदि चीजों में काफी मदद करते हैं. सरकार मोबाइल, नेटवर्क के बारे में थोड़ा सोचे, तो और बेहतर होता.
वहीं, सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, चीन सीमा से लगने वाले करीब 100 गांवों को वाईब्रेंट विलेज बनाने का मेगा प्लान है. यही नहीं उत्तराखंड के बॉर्डर के नजदीक 115 से ज्यादा विलेज को भी आधुनिक गांव बनाने की प्लानिंग की गई है. उत्तराखंड में तो कुछ जगहों जाडुंग, नेलांग और मलारी में वाईब्रेंट विलेज़ के प्रोजेक्ट के तहत शुरुआती रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है. आजतक की रिपोर्ट में सरकार के सूत्रों ने हवाले से बताया गया है कि भारत चीन सीमा के नजदीक हिमाचल के करीब 80 गांवो को वाईब्रेंट विलेज के तहत विकसित करना है. इसके साथ ही सिक्किम बॉर्डर के 50 तो अरुणाचल बॉर्डर से नजदीक 80 से 120 गांव जो घोस्ट विलेज बन चुके थे, उनको विकसित किया जाएगा.
Also Read: Explainer : कैसे चीन 2017 से हिन्द महासागर में घुसपैठ कर रहा है, कितने बंदरगाह बनाए