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UP: वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर से स्थानीय लोगों में दहशत, 280 परिवारों ने राहत शिविरों में ली शरण

Varanasi News: वाराणसी की गंगा नदी में बाढ का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है. मंदिरों और घाटों की ओर भी पानी तेजी से ऊपर चढ़ रहा है. यहां गंगा हर घंटे बढ रही है. गंगा खतरे के निशान से 20 मीटर ऊपर बह रही है. गंगा का पानी देर रात 12 बजे ही खतरे के निशान को पार कर चुका है.

Varanasi News: वाराणसी में उफनती गंगा नदी से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. वहीं शहर में मंदिरों और घाटों की ओर पानी तेजी से ऊपर चढ़ रहा है. यहां हर घंटे बढ रही गंगा के साथ लोगों की धड़कने भी बढ़ने लगी हैं. गंगा खतरे के निशान से 20 मीटर ऊपर बह रही है. पानी देर रात 12 बजे ही खतरे के निशान को पार कर चुका है.

खतरे के निशान से 21 सेंटीमीटर अधिक पानी

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, सुबह 7 बजे से वाराणसी में मां गंगा का जलस्तर 71.47 था. जो खतरे के निशान से 21 सेंटीमीटर अधिक है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, कल से दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही गंगा के जलस्तर में सुबह 7 बजे से 1 सेंटीमीटर प्रति घंटा की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. गंगा में आयी बाढ़ से तटवर्ती इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है. ज्यादातर लोग पलायन कर चुके हैं और सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हैं.

जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क

वहीं जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है. कमिश्नर दीपक अग्रवाल और डीएम कौशल राज शर्मा बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं. घरों में फंसे लोगों तक राहत सामाग्री पहुंचाई जा रही है. राहत शिविरों में भी लोगों को रखा जा रहा है. बाढ़ के खतरे के मद्देनजर तटवर्ती इलाकों के ली है.

कॉलोनीयो में भरा बाढ़ का पानी

गंगा में पानी बढ़ने की वजह से सहायक नदी वरुणा में भी पानी काफी बढ़ चुका है. वरुणा के किनारे बसे मकानों और कॉलोनियों में बाढ़ आ गई है. बाढ़ की वजह से मारुति नगर, सीर गोवर्धनपुर के पीछे की कॉलोनीयो में कहीं कमर भर और कहीं गर्दन तक पानी भरा हुआ है. कॉलोनी में रहने वालों का निकलना दुभर हो गया है.

गोमती के पास के इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूबीं

सामनेघाट स्थित ज्ञान प्रवाह नाला से पानी कॉलोनियों में घुसने लगा है. इससे गायत्री नगर, काशीपुरम विस्तार में तीन दर्जन से अधिक मकान पानी से घिर गये हैं. नगर निगम ने शेल्टर होम में पीड़ितों के लिए व्यवस्था की है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि सभी शेल्टर होम में पेयजल समेत अन्य व्यवस्था की गई हैं. वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह डूब चुका है. तटवर्ती करीब दर्जनभर मोहल्ले में लोग राहत शिविर में शरण लिये हैं. ढाब और गोमती के पास के इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गईं हैं.

बिगड़ते हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. शहरी इलाके में कुल 9 बाढ़ चौकी स्थापित की गई हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों के लिए दो बाढ़ चौकी लगाई गई हैं. इन बाढ़ राहत शिविरों में विस्थापित हुए लोगों के लिए खाने-पीने और चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने आदेश दिया है कि, सभी थाना प्रभारी जिन इलाकों में लोग अपना घरों को छोड़ के बाढ़ राहत शिविर में रह रहे है उनके बंद घरों में चोरी की शिकायत नहीं आनी चाहिए. पुलिस वहां मोटर बोट से पेट्रोलिंग बढ़ाए और पुलिस ये भी सुनिश्चित करे बाढ़ के मकान में कोई फंसा न हो.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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