Lucknow: मां नवजात ट्रैकिंग यानि ‘मंत्र’ एप (Mantra App) में मात्र आठ महीने में 10 लाख से अधिक प्रसव की जानकारी दर्ज की जा चुकी है. यह आंकड़ा देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रतिवर्ष होने वाले कुल प्रसव संख्या से अधिक है. पिछले वर्ष 21 दिसंबर से इस एप की सेवाएं शुरू की गयी थी. इस समय यूपी के सभी 75 जिलों के 25,835 चिकित्सा इकाइयों को एप की सुविधा दी जा चुकी है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि मौजूदा डाटा सिस्टम्स (HMIS) में प्रसव के दौरान दी जाने वाली सेवाओं एवं चिकित्सा इकाई की सेवाओं की जानकारी के लिये रियल टाइम डाटा का अभाव था. इसी को ध्यान में रखकर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव के दौरान दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए राष्ट्रीय स्वाथ्य मिशन ने मां नवजात ट्रैकिंग-लेबर रूम ऑनलाइन एमआईएस यानि मंत्र एप बनाया है. उन्होंने बताया कि यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (National Health Authority) के हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री एवं हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (HMIS) के अनुकूल है.
यूनिसेफ (UNICEF) उत्तर प्रदेश की हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. कनुप्रिया सिंघल ने बताया कि यूपी की विभिन्न सरकारी चिकित्सा इकाइयों में सालाना 28 लाख प्रसव होते हैं. आंकड़े बताते हैं कि प्रसव होने वाले दिन 46% मातृ मृत्यु , 40% नवजात मृत्यु और 40% मृत जन्म होते हैं. मातृ एवं नवजात मृत्यु और मृत जन्मों की संख्या में कमी लाने के लिए सेवाओं में सुधार लाना सबसे जरूरी है.
यूनिसेफ के हेल्थ ऑफिसर डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 6297 (HMIS) सरकारी प्रसव केंद्रों के सापेक्ष 4339 (69%) केंद्र मंत्र एप पर नियमित रूप से रिपोर्टिंग कर रहे हैं. जून 2022 में एचएमआईएस में रिपोर्ट होने वाले कुल प्रसवों के सापेक्ष 84% की लाइन लिस्ट मंत्र एप में रियल-टाइम पर उपलब्ध है. मंत्र एप के क्रियान्वित होने के आठ माह पूरा होने से पहले ही 10 लाख से अधिक प्रसवों की रिपोर्टिंग की जा चुकी है.
मंत्र एप (Mantra App) को ई-कवच जैसे अन्य प्लेटफार्म से एकीकृत (Integrate) करने के प्रयास किये जा रहे हैं. इससे प्रसव पूर्व व प्रसव के बाद दी जाने सेवाओं की सूचना को मंत्र एप में उपलब्ध प्रसव के समय दी जाने वाली सेवाओं के साथ जोड़ा जा सकेगा. स्वास्थ्य केंद्रों पर दी जाने वाली सेवाओं पर एसएमएस संदेशों के माध्यम से लाभार्थियों का फीडबैक लेने की योजना बनायी जा रही है. एसएमएस संदेशों के जरिये नवजात की देखभाल संबंधी उपयोगी संदेश भी भेजे जाएंगे.