औरंगाबाद. बरसात से पहले नगर पर्षद का दावा होता है कि जलजमाव की स्थायी समाधान लगभग करा दिया गया है, लेकिन जब बारिश होती है, तो नगर पर्षद के दावे की पोल खुल जाती है. मंगलवार की रात हुई मूसलाधार बारिश से शहर जलमग्न हो गया. कूड़े-कचरे सड़क पर तैरने लगे. मुहल्लों की गलियों में पानी भर गया. सबसे बुरी स्थिति वार्ड नंबर चार क्षत्रियनगर इलाके में देखी गयी. कई इलाके में पानी का भराव एक से डेढ़ फुट तक हो गया. पानी को सुखने में चार से पांच दिन का वक्त लगेगा. ऐसे में अगर बारिश हुई, तो इस इलाके की स्थिति और भी खराब हो जायेगी.
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी को समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट कराया गया है. बताया गया है कि नगर पर्षद की ओर से गली में पीसीसी रोड और भूमिगत नाली का निर्माण किया गया था. कुछ लोगों ने स्कूल के सामने मिट्टी की भराई कर जल निकासी को अवरुद्ध कर दिया है. स्थिति यह है कि गली के मकानों में नाली का पानी घुस जा रहा है. प्रतिनियुक्त किये गये कनीय अभियंता व अमीन द्वारा सरकारी जमीन की मापी नहीं करा कर पानी निकासी की अस्थायी व्यवस्था करा दी गयी. वर्तमान में पुन: उक्त स्थल पर कुछ लोगों ने मिट्टी की भराई कर दी है.
लोगों ने बताया कि मंगलवार की रात हुई बारिश के दौरान वशिष्ठ सिंह और धनंजय सिंह के घर में पानी घुस गया. स्पष्ट कहा है कि अगर पानी निकासी नहीं की गयी, तो आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है. बड़ी बात यह है कि लोगों ने अपने खर्च से डीजल पंप लगाकर पानी की निकासी करायी, लेकिन कुछ ही क्षण में पुन: पानी भर गया.