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मुंगेर में सिद्धपीठ चंडिका देवी का चरण पखारने पहुंची गंगा, अभी भी मंदिर में पूजा जारी

गंगा के जल-स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. पानी तेजी से निचले इलाके में फैल रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका स्थान में पानी प्रवेश कर गया है. हालांकि श्रद्धालुओं को अभी कोई परेशानी नहीं है. बुधवार की रात्रि से ही चंडिका स्थान में गंगा के पानी का प्रवेश करने लगा है.

गंगा के जल-स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. पानी तेजी से निचले इलाके में फैल रहा है. पानी का फैलाव होने से रबी फसल एवं पशु चारा बर्बाद होने लगा है. वहीं दूसरी ओर प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका स्थान में पानी प्रवेश कर गया है. जबकि मुंगेर में चल रहे मेगा प्रोजेक्ट मुंगेर-मिर्जापुर फोरलेने का निर्माण कार्य भी पिछले एक सप्ताह से बंद पड़ा हुआ है. वर्तमान में गंगा का जल-स्तर और बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है. बताया जाता है कि बुधवार को पानी बढ़ने की रफ्तार धीमी थी. गुरुवार को अपराह्न 12-1 के बीच जल-स्तर 37.79 मीटर पर आकर स्थिर हो गया. लेकिन अपराह्न 4 बजे के बाद पुन: गंगा के जल-स्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गयी और 37.80 मीटर पर जल-स्तर पहुंच गया.

मां चंडिका स्थान में घुसा पानी

मुंगेर जिला के 56 किलोमीटर लंबे गंगा तट के दियारा और निचले इलाके में पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है. गुरुवार की अहले सुबह गंगा का पानी प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका मंदिर में प्रवेश गया. पानी गर्भगृह में भी घुस चुका है. हालांकि श्रद्धालुओं को अभी कोई परेशानी नहीं है. पुजारी नंदन बाबा ने बताया की बुधवार की रात्रि से ही चंडिका स्थान में गंगा के पानी का प्रवेश करने लगा है. जो धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है. अगर पानी चार से पांच फिट हो जायेगा, तो पूजा मंदिर के बाहर की जायेगी. उन्होंने यह भी बताया कि एक दंत कथा के अनुसार मां गंगा की छोटी बहन मां सती हैं. प्रत्येक साल गंगा चंडिका स्थान में आकर चंडिका स्थान के गर्भ गृह, जहां मां को नेत्र है, वहां तक आकर नेत्र को स्पर्श करती हैं. उसके बाद लौट जाती हैं.

अभी भी जारी है गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी

बताया जाता है कि प्रति दो घंटे पर गंगा के जल-स्तर में 1 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन देर शाम के बाद जल-स्तर बढ़ने की रफ्तार में तेजी आने का संभावना व्यक्त की जा रही है. अभी गंगा के जल-स्तर में बढोतरी जारी रहेगी. इस कारण एक बार पुन: बाढ़ की संभावना बढ़ती नजर आने लगी है. लेकिन गंगा का पानी जिस तरह से निचले इलाके को अपनी चपेट में लेने लगा है, वह किसानों और पशुपालकों के बीच परेशानी का कारण बन गया है. सदर प्रखंड, बरियारपुर, धरहरा, जमालपुर क्षेत्र के दियारा के साथ ही निचले इलाके में पानी फैल चुका है. मकई फसल के साथ अन्य प्रकार की फसलें प्रभावित होने लगी हैं. जबकि खेतों में लगा पशुचारा भी बर्बाद होने लगा है. इतना ही नहीं निचले इलके में पानी आ जाने से पशुपालक अपने मवेशी के साथ सुरक्षित स्थान की ओर जाने लगे हैं. जैसे-जैसे पानी बढ़ रहा है. वैसे-वैसे पशुपालक पीछे होते जा रहे हैं.

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