Drought in Europe: जलवायु परिवर्तन की मार पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है. कही बाढ़ से हाहाकार मचा है तो कही सुखे के कारण नदियां-तालाब के पानी पाताल में चले गये हैं. सुखे की ऐसी ही मार पूरा यूरोप झेल रही है. यूरोपीय संघ की एक एजेंसी ने बीते मंगलवार को कहा कि यूरोप में कम से कम 500 सालो से इतना भीषण सुखाड़ नहीं आया है. इंग्लैंड से लेकर फ्रांस और स्पेन तक सूखे की मार झेल रहे हैं.
पानी की किल्लत से जूझ रही हैं यूरोप की बड़ी नदियां: पूरे यूरोप में हर तरफ सुखाड़ नजर आ रहा है. यूरोप में बहने वाली राइन, लॉयर, डेन्यूब में जलस्तर औसत से भी कम हो गया है. नदियों का जलस्तर इतना कम हो गया है कि उसके अंदर दूसरे विश्वयुद्ध के अवशेष भी नजर आने लगे है. कई नदियों से दूसरे विश्वयुद्ध के बम भी मिले.
अलर्ट मोड पर यूरोप महाद्वीप: सूखे से बेहाल यूरोप महाद्वीप अलर्ट मोड में है. भारी सुखे के कारण शिपिंग, बिजली उत्पादन और कुछ फसलों की पैदावार भी प्रभावित हुई है. यूरोप की ईडीओ के अगस्त की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि यूरोप के 47 फीसदी इलाके में सूखा खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. 17 फीसदी ऐसे क्षेत्र हैं जो अलर्ट मोड पर हैं. गौरतलब है कि अगस्त महीने में सूखे का प्रकोप और बढ़ गया है.
यूरोप में सुखाड़: पूरे यूरोप में सुखाड़ की स्थिति है. लेकिन सबसे बुरा हाल फ्रांस, स्पेन और इंग्लैंड का है. भीषण गर्मी से इंग्लैंड तप रहा है. बीते कुछ दिन पहले ब्रिटेन में रिकार्ड तापमान दर्ज किया गया था. वहीं, फ्रांस और स्पेन के जंगलों में लगी आग ने मुसीबत और बढ़ दी है. बारिश भी इन दोनों देशों में न के बराबर हुआ है. ऐसे में यहां घोर जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
नीचे चले गये भूमिगत जल स्त्रोत: यूरोप में सुखाड़ की स्थिति इससे पहले भी देखने को मिली है, लेकिन इस बार जो सूखे की स्थिति है वो भयावह है. इस बार सूखा यूरोप के ज्यादा क्षेत्रों में फैला दिख रहा है. यूरोपियन ड्रॉट ऑब्जर्वेटरी की माने तो बीते कुछ सालों की तुलना में इस बार सूखे का क्षेत्र का व्यापक है. इटली, स्पेन, फ्रांस और इंग्लैंड में भूमिगत जल स्त्रोत भी नीचे चले गये हैं. जो स्थिति को और भयावह बना रहे हैं.